जिलाधिकारी ने उपज के स्टाॅलो का किया अवलोकन
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर I सीएसए के लालबहादुर शास्त्री कृषक भवन के सभागार में सम्पन्न हुई। खरीफ गोष्ठी का शुभारंभ विधायिका नीलिमा कटियार ने दीप प्रज्जलित कर किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए विधायक नीलिमा कटियार ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि बदलते मौसम की चुनौतियों का सामना करने के लिए किसानों को आधुनिक और वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि आज के समय में खेती केवल परंपरागत तरीकों से संभव नहीं है, बल्कि बदलते जलवायु परिवेश के अनुरूप तकनीकी नवाचारों को अपनाना आवश्यक है, ताकि फसलों की उपज पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े और उत्पादकता में वृद्धि हो सके। श्रीमती कटियार ने कहा कि विश्व स्तर पर भारतीय कृषि और किसानों की विशेष पहचान है। हमें नवीनतम अनुसंधानों और तकनीकों को अपनाते हुए अपनी खेती को और अधिक उन्नत बनाना है, ताकि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भी हमारे किसान सशक्त बन सकें और उनकी आय में निरंतर वृद्धि हो जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि "किसानों की लागत घटाकर उनकी उत्पादकता को बढ़ाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
हमें ऐसे ठोस प्रयास करने होंगे, जिससे किसान न्यूनतम लागत में अधिकतम उत्पादन कर सकें और उनकी आय में निरंतर वृद्धि सुनिश्चित हो सके।"उन्होंने कहा कि कानपुर जैसे महानगर में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा आधुनिक तकनीकों और नई खोजों के माध्यम से कृषि को उन्नत बनाने का कार्य निरंतर किया जा रहा है, जो हमारे जनपद और प्रदेश के लिए गर्व की बात है जिलाधिकारी ने कहा कि हमारे किसान वह कार्य कर रहे हैं, जो बड़े-बड़े अधिकारी नहीं कर सकते। कठिन परिश्रम और समर्पण से किसानों ने खेती को जीवन का आधार बनाया है और भारत को कृषि क्षेत्र में विश्व में पहचान दिलाई है। उन्होंने कहा कि आज हमारे किसान अपने श्रम और मेहनत से पूरी दुनिया में नाम कमा रहे हैं। यह उनकी सतत कड़ी मेहनत और लगन का परिणाम है। जो किसान आज खेतों में जुटे हुए हैं, डटे हुए हैं, वे सच में श्रद्धा के पात्र हैं। हम सभी का कर्तव्य है कि हम उनका सम्मान करें और उनकी हर संभव सहायता करें ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और देश को आत्मनिर्भर बनाने में अपना योगदान दे सकें। गोष्ठी में मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन ने अपने संबोधन में कहा कि हमें ऐसी कृषि करनी है, जो पर्यावरण के अनुकूल हो और किसानों की आय को दोगुना करने में सहायक हो। इसके लिए हमें आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए वैज्ञानिक तरीकों के अनुसार कार्य करना होगा। गोष्ठी में कृषि वैज्ञानिक डाक्टर महेंद्र सिंह द्वारा खरीफ सीजन की प्रमुख फसलों की उन्नत खेती, नवीन कृषि तकनीकें, फसल चक्र, उन्नत बीज, जैविक खाद, आधुनिक सिंचाई विधियाँ तथा कीट एवं रोग नियंत्रण के प्रभावी उपायों पर विस्तार पूर्वक जनपद की सभी तहसीलो से आए हुए किसानों को उनकी जानकारी दी गई। गोष्ठी में 12 उन्नत किसानों द्वारा अपनी उपज का स्टॉल लगाया था जिसका जिलाधिकारी ने अवलोकन किया। गोष्ठी में जनपद के निम्न कृषकों को तिल एवं बाजरा के मिनी किट वितरित किया गया।
1मोतीलाल - तिल
2अनिल कुमार-तिल
3कुलदीप मादज-बाजरा
4सरोज -तिल
5सूरज कुमार -बाजरा
6कृष्णा -बाजरा
7राम कुमारकौरी - बाजरा
8जगदीश -तिल
9शंभू यादव -बाजरा
10परितोष -तिल
इसके अतिरिक्त गोष्ठी में 10 किसानों को
मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण किया
1. अजमेर सिंह
2. जगदीश सिंह
3. शकर सिंह यादव
4. लाल सिंह
5. ऋषिकेश सिंह
6. अरुण सिंह
7. इंद्र पाल यादव
8. छेदी लाल
9. कैलाश
10. रामसिंह गोष्ठी में उपनिदेशक कृषि डॉक्टर आर एस वर्मा, कृषि वैज्ञानिक डॉ महेश, डॉक्टर रामनाथ तथा
समेत जनपद की सभी तहसीलों से किसान व अधिकारीगण उपस्थित रहे।