विश्व ट्रॉमा दिवस पर यूपीयूएमएस में जन-जागरूकता कार्यक्रम एवं वॉकथॉन का आयोजन
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस सैफई।माननीय कुलपति प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (यूपीयूएमएस), सैफई में विश्व ट्रॉमा दिवस के अवसर पर एक जन-जागरूकता कार्यक्रम एवं वॉकथॉन का आयोजन हुआ और सभी स्वास्थ्य कर्मियों ने निष्ठा पूर्वक कार्य करने की शपथ ली।
कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में ट्रॉमा (चोट) की गंभीरता, समय पर प्राथमिक उपचार की आवश्यकता तथा सड़क सुरक्षा के महत्व के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना था।
इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) प्रशांत कुमार मिश्रा ने कहा
"ट्रॉमा या चोट किसी भी व्यक्ति के जीवन को पलभर में बदल सकती है। सड़क दुर्घटनाओं, गिरने, जलने या अन्य किसी भी आपात स्थिति में सही समय पर प्राथमिक उपचार और जागरूकता से अनेक जिंदगियाँ बचाई जा सकती हैं। हमारा उद्देश्य समाज में यह संदेश देना है कि प्रत्येक नागरिक को ट्रॉमा के प्रति जागरूक होना चाहिए और सुरक्षा ही सबसे बड़ा बचाव है।”
डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. विश्वदीपक ने सभी से अपील की—
"हमें सदैव यातायात नियमों का पालन करना चाहिए, घर से निकलते समय हेलमेट अवश्य पहनना चाहिए और वाहनों को तेज गति से नहीं चलाना चाहिए। दुर्घटना कहीं भी, किसी को भी हो सकती है, इसलिए जरूरतमंदों की तुरंत मदद करें और पुलिस एवं इमरजेंसी सेवाओं को सूचना अवश्य दें। समाज तभी सुरक्षित बन सकता है जब हम सभी जिम्मेदारी से व्यवहार करें।”
मुख्य प्राथमिक उपचार कदम
1. सुरक्षा सुनिश्चित करें: पहले अपनी और घायल व्यक्ति की सुरक्षा करें।
2. रक्तस्राव रोकें: साफ कपड़े या पट्टी से घाव पर सीधा दबाव डालें। यदि रक्तस्राव बंद न हो तो पहले वाली पट्टी के ऊपर दूसरी पट्टी रखें।
3. व्यक्ति को स्थिर रखें: व्यक्ति को सिर और कंधों को थोड़ा ऊपर उठाकर लेटने में मदद करें। यदि सिर, गर्दन या रीढ़ की हड्डी में चोट की आशंका हो तो अत्यधिक सावधानी बरतें।
4. शॉक का उपचार करें: यदि व्यक्ति बेहोश लगे या कमजोर सांस ले रहा हो तो उसे लिटाकर पैरों को थोड़ा ऊपर उठाएं और तंग कपड़ों को ढीला करें।
5. गंभीर चोटों को स्थिर करें: यदि प्रशिक्षण प्राप्त है, तो टूटी हुई हड्डी को स्थिर करने के लिए स्प्लिंट लगाएं। हड्डी को सीधा करने या बाहर निकली हड्डी को अंदर धकेलने की कोशिश न करें।
6. चिकित्सा सहायता बुलाएं: यथाशीघ्र एम्बुलेंस को बुलाएं मदद आने तक घायल व्यक्ति को शांत रखें।
यह कार्यक्रम आपातकालीन विभाग के समन्वय में आयोजित किया गया तथा इसमें चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल कर्मियों और विद्यार्थियों ने सक्रिय भागीदारी की।
सभी प्रतिभागियों ने वॉकथॉन के माध्यम से “सुरक्षा ही सबसे बड़ा बचाव है” का संदेश दिया।