उपकार की उच्च समिति ने देखी तीन वर्षों की शोध, शिक्षण एवं प्रसार गतिविधियां
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय की विगत तीन वर्षों में आयोजित शोध, शिक्षण एवं प्रसार गतिविधियों की प्रगति का मूल्यांकन उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद, लखनऊ की उच्च स्तरीय समिति द्वारा किया गया। मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (उपकार) के महानिदेशक डॉ संजय सिंह द्वारा विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित गतिविधियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि क्षेत्र विशेष के लिए उपयुक्त प्रजातियों के बीज उत्पादन को बढ़ावा देना वर्तमान समय की मांग है जिससे किसानों की आय को बढ़ाकर उनको आर्थिक रूप से मजबूत किया जा सके। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों को सूखे एवं जलमग्न अवस्था के साथ-साथ बदलते तापमान के अनुकूल तिलहन, दलहन, खाद्यान्न एवं सब्जी फसलों की अत्यधिक उपज देने वाली प्रजातियों का विकास करें तथा नवीन विकसित कृषि तकनीकों के अंगीकरण के लिए किसानों के खेतों पर विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में बड़े पैमाने पर फसल प्रदर्शन का आयोजन करें। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह द्वारा बताया गया कि बीज उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न जनपदों में संचालित कृषि विज्ञान केदो के शोध प्रक्षेत्रों पर रबी फसलों विशेषकर सरसों एवं गेहूं का बीज उत्पादन किया जाएगा जिससे किसानों को अधिक से अधिक बीज उपलब्ध कराकर बीज प्रतिस्थापन दर को बढ़ाया जा सके। मूल्यांकन समिति के सदस्य एवं उप महानिदेशक, उपकार डॉ राजश्री गौर द्वारा कहा गया कि तकनीकी के अंगीकरण के किसान प्रोत्साहन कार्यक्रम आयोजित करें। इस अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के पूर्व सहायक महानिदेशक डॉ बी बी सिंह द्वारा बताया गया कि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित गतिविधियों का आर्थिक मूल्यांकन किया जाना चाहिए। कार्यक्रम में विगत 3 वर्षों की शोध गतिविधियों का प्रस्तुतीकरण डॉ पी के सिंह द्वारा, शिक्षण गतिविधियों का प्रस्तुतीकरण डॉ सी एल मौर्य द्वारा तथा प्रसार गतिविधियों का प्रस्तुतीकरण डॉ आर के यादव द्वारा किया गया। मूल्यांकन समिति द्वारा विभिन्न विभागों, पुस्तकालय तथा शोध प्रक्षेत्रों का भी भ्रमण किया गया। कार्यक्रम में सेवानिवृत्ति प्राध्यापक डॉ रामभजन के साथ-साथ वित्त नियंत्रक संजय कुमार राय, डॉ सीमा सोनकर, डॉ कौशल कुमार, डॉ विवेक कुमार त्रिपाठी, डॉ अनिल कुमार सिंह, डॉ एस के गुप्ता, डॉ नौशाद खान, डॉ विजय कुमार यादव, डॉ सर्वेश कुमार, डॉ महक सिंह, डॉ एम जेड सिद्दीकी, डॉ केशव आर्य, डॉ रामजी गुप्ता, डॉ श्वेता, डॉ राजीव आदि संकाय सदस्यों द्वारा भी प्रतिभाग किया गया।
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