यदि किसी अस्पताल ने दुर्घटना में घायल व्यक्ति को गोल्डन ऑवर में प्राथमिक उपचार देने से इनकार किया तो रद्द होगा पंजीकरण: मण्डलायुक्त
*सड़क सुरक्षा पर मण्डलायुक्त सख्त, ब्लैक स्पॉट्स पर तत्काल सुधार के निर्देश, समिति करेगी जांच
*हर नागरिक निभाए ‘नेक आदमी’ का कर्तव्य, सड़क सुरक्षा बने जनआंदोलन: मण्डलायुक्त
*कानपुर मण्डल में इस वर्ष अब तक 2.5 लाख से अधिक चालान, सड़क हादसों में सख्ती से कार्रवाई का निर्देश
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर नगर,मण्डलायुक्त के. विजयेन्द्र पांडियन की अध्यक्षता में मण्डलायुक्त शिविर कार्यालय स्थित सभागार में मण्डल स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में पुलिस उपायुक्त (यातायात) रविन्द्र कुमार, नगर आयुक्त अर्पित उपाध्याय, सम्भागीय परिवहन अधिकारी राकेन्द्र कुमार सिंह, सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) राहुल श्रीवास्तव सहित कानपुर मण्डल के सभी जनपदों के सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी और विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। मण्डलायुक्त ने कहा कि सड़क सुरक्षा जनहित से जुड़ा विषय है, इसलिए सभी विभागों को समन्वय के साथ ठोस कार्रवाई करनी होगी। उन्होंने सड़कों की स्थिति सुधारने, ब्लैक स्पॉट्स पर सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने और जन-जागरूकता बढ़ाने पर विशेष बल दिया।मण्डलायुक्त ने कहा कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति का प्राथमिक उपचार करना प्रत्येक अस्पताल का दायित्व है। किसी भी दुर्घटना में गोल्डेन आवर का विशेष महत्व है, यदि कोई अस्पताल गोल्डन आवर में घायल व्यक्ति को उपचार देने से इनकार करता है, तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी और उसका पंजीकरण भी निरस्त किया जाएगा।
मंडलायुक्त ने जनपद में कार्यरत निजी एंबुलेंस की जांच करते हुए अवैध एंबुलेंस को चिन्हित कर कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया।बैठक में बताया गया कि कानपुर मण्डल में कुल 57 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं। सम्भागीय परिवहन अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग अथवा एमडीआर पर स्थित ऐसे 500 मीटर क्षेत्र को ब्लैक स्पॉट माना जाता है, जहाँ पिछले तीन वर्षों में कम से कम पाँच सड़क दुर्घटनाएँ या दस से अधिक मृत्यु हुई हों। मण्डलायुक्त ने निर्देश दिए कि इन स्थानों पर साइन बोर्ड, स्पीड लिमिट, थर्मोप्लास्टिक मार्किंग, रंबल स्ट्रिप और रिफ्लेक्टर बोर्ड जैसी व्यवस्थाएँ तत्काल सुनिश्चित की जाएँ। साथ ही पीडब्ल्यूडी, यातायात पुलिस और परिवहन विभाग समिति बनाकर संयुक्त रूप से निरीक्षण कर सुधारात्मक कार्यवाही की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें।बैठक में रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव आरके सफ्फड़ ने एनएच किनारे बसे गाँवों में कैपेसिटी बिल्डिंग के तहत फर्स्ट एड ट्रेनिंग आयोजित करने और कुछ स्थानों पर बने यू-टर्न को वैज्ञानिक तरीके से पुनर्निर्मित करने का सुझाव दिया। मण्डलायुक्त ने इस प्रस्ताव से सहमति जताते हुए निर्देश दिए कि संबंधित विभाग प्रशिक्षण कार्यक्रम का रोडमैप तैयार करें और यातायात पुलिस के सहयोग से प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण दिया जाए।मण्डलायुक्त ने यातायात नियमों के पालन को सख्ती से लागू करने के निर्देश देते हुए कहा कि बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट, ओवरस्पीडिंग, नशे में वाहन चलाना, मोबाइल फोन का प्रयोग और रॉन्ग साइड ड्राइविंग जैसी प्रवृत्तियों पर कठोर प्रवर्तन कार्रवाई की जाए। जनवरी से अक्टूबर 2025 के बीच परिवहन विभाग ने छह जनपदों में कुल 72,814 चालान किए, जिनमें 56,321 हेलमेट और 16,493 सीट बेल्ट उल्लंघन से संबंधित थे। सबसे अधिक कार्रवाई कानपुर नगर में 39,733 चालानों के रूप में हुई. इसी अवधि में पुलिस विभाग ने कुल 2,54,685 चालान किए, जिनमें 2,45,343 हेलमेट और 9,342 सीट बेल्ट के मामलों से संबंधित थे। सर्वाधिक कार्रवाई कानपुर नगर में 1,75,822 चालानों के रूप में दर्ज की गई। मण्डलायुक्त ने कहा कि ड्रंकन ड्राइविंग के विरुद्ध विशेष अभियान चलाया जाए और इसकी रिपोर्ट मण्डल स्तर पर प्रेषित की जाए।हिट एंड रन मोटर दुर्घटना प्रतिकर योजना-2022 की समीक्षा करते हुए मण्डलायुक्त ने कहा कि पीड़ितों के परिजनों को राहत राशि समयबद्ध मिले, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने परिवहन और पुलिस विभाग को सभी लंबित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण करने तथा जन-जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। मण्डल में अब तक कुल 127 प्रकरण प्राप्त हुए हैं, जिनमें 27 का निस्तारण किया जा चुका है जबकि 100 प्रकरण प्रक्रियाधीन हैं। योजना के अनुसार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की 25 फरवरी 2022 की अधिसूचना के तहत दुर्घटना में मृत्यु होने पर आश्रितों को ₹2 लाख और गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को ₹50,000 की क्षतिपूर्ति दी जाती है।विद्यालय परिवहन यान सुरक्षा समिति के संबंध में मण्डलायुक्त ने निर्देश दिए कि कानपुर नगर की तर्ज पर सभी जनपद गूगल शीट तैयार करें, जिसमें विद्यालय वाहनों के चालकों और परिचालकों के चरित्र सत्यापन, ड्राइविंग लाइसेंस तथा समिति बैठकों की जानकारी नियमित रूप से दर्ज की जाए।
बैठक में भारत सरकार की गुड सेमेरिटन (नेक आदमी) / राह-वीर योजना पर भी चर्चा हुई। मण्डलायुक्त ने बताया कि यह योजना 21 अप्रैल 2025 से लागू है और इसका उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों की सहायता करने वाले नागरिकों को प्रोत्साहन और संरक्षण प्रदान करना है। किसी भी घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुँचाने वाले व्यक्ति से पुलिस पूछताछ नहीं की जाएगी, न ही उसे गवाह बनने या बिल भुगतान के लिए बाध्य किया जाएगा। घायल व्यक्ति को तत्काल उपचार मिलेगा और नेक आदमी को ₹25,000 की प्रोत्साहन राशि तथा प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त प्रतिवर्ष 10 श्रेष्ठ नेक आदमियों को ₹1,00,000 और प्रमाणपत्र देकर राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हर नागरिक नेक आदमी का कर्तव्य निभाये। सड़क सुरक्षा का लक्ष्य जनभागीदारी से ही हासिल होगा।
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