जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर मनाया गया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान
-अभियान के तहत हुई गर्भवती की प्रसव पूर्व सभी जरूरी जांच
गर्भस्थ शिशु का रखें ध्यान,लगायें मास्क रखें दो गज की दूरी-कंचन बाला
प्रिंस श्रीवास्तव
हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस कन्नौज/फर्रुखाबाद संवाददाता।कोविड 19 के दौर में भी स्वास्थ्य विभाग को गर्भवती की सेहत का पूरा ख्याल है।गर्भवती व गर्भस्थ शिशु पर कोई आंच न आये,इसके लिए समय समय पर आशा कार्यकर्त्ता के माध्यम से स्वास्थ्य केंद्र पर बुलाकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जा रहा है।जिले के सभी ब्लाकों और शहर के स्वास्थ्य केंद्रों पर बुधवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया गया।इस दौरान चिकित्सकों द्वारा महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच के साथ ही मधुमेह, हीमोग्लोबीन, एचआईवी जांच करने के साथ ही सेहत पर विशेष ध्यान देने का सुझाव दिया गया।अपर मुख्य चिकित्साधिकारी और नोडल डा. दलवीर सिंह ने बताया की हर महीने के नौ तारीख को स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जाता है।इसका मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को जागरूक करना,मातृत्व मृत्यु दर को कम करने के साथ ही बच्चे के स्वस्थ जीवन और सुरक्षित प्रसव है।इस दौरान स्त्री रोग विशेषज्ञों की ओर से गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व एवं अन्य जांच नि:शुल्क की गई।इसके साथ ही लोगों को परिवार नियोजन की सुबिधाओं के बारे में जानकारी दी गई।इस दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी कंचन बाला ने कहा कि इस कोविड 19 के दौरान गर्भवती बाहर से आने बाले लोगों से न ही मिले तो अच्छा होगा,अगर मज़बूरी है तो मास्क और सामाजिक दूरी का पालन जरुर करे।इस समय जितना अपने मन को खुश रखे यह उसके और गर्भस्थ शिशु के लिए वेहतर होगा।जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता अतुल गुप्ता ने बताया कि जिले में पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 इस अभियान के दौरान 6338 -गर्भवती महिलाओं की जाँच की गई जिसमें से 1112 -गर्भवती महिलाएं उच्च जोखिम की अवस्था में मिली जिनका इलाज किया गया।साथ ही लगभग 4700 महिलाओं का संस्थागत प्रसव कराया गया।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहम्दाबाद के चिकित्सा अधिकारी डा.जितेन्द्र यादव ने बताया कि यहाँ54 गर्भवती का परीक्षण किया गया। इसमें से 7 गर्भवती उच्च जोखिम गर्भावस्था की मिली।जो महिलाएं एचआरपी (हाई रिस्क प्रेग्नेंसी) चिन्हित हुई है, वह संस्थागत प्रसव ही करायें , इसके लिए उनके परिवार को समझाया गया।इस दौरान अपनी जाँच कराने आई शिल्पी ने कहा कि अभी यह बीमारी चल रही थी तो आशा दीदी हमको घर पर आकर बताती थीं कैसे अपना और बच्चे का ध्यान रखना है। एक गर्भवती डोली का कहना है कि आज हमने अपनी जाँच करा ली है और हमको दवा दी गई है हम अपना प्रसव अस्पताल में ही कराएंगी।इस दौरान बीपीएम पारुल,स्टाफ नर्स समिता,सरिता तथा गर्भवती महिलाएं मौजूद रहीं।
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इनको रखते हैं उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था की श्रेणी में
•कम उम्र में गर्भावस्था
•कम वजन
•ज्यादा उम्र (35 वर्ष से अधिक)
•गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप
•गंभीर एनीमिया (7 ग्राम से कम हीमोग्लोबिन)