आयोजित किया गया किडनी सिम्पोजिय।
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | गुर्दा रोगों (क्रोनिक किडनी डिसीज) ने एक महामारी का रूप ले लिया है। रीजेंसी हॉस्पिटल एवं आईएमए द्वारा आयोजित किया गए किडनी सिम्पोजियम मे रीजेंसी हॉस्पिटल के वरिष्ठ गुर्दा रोग विशेषज्ञ और रीनल साइंसेज के डायरेक्टर, डॉ निर्भय कुमार ने बताया कि क्रोनिक गुर्दा रोग की मुख्य वजह अनियत्रित मधुमेह, उच्च रक्तचाप, क्रोनिक नेफ्रैटिस, पोल्य्सिस्टिक रोग तथा गुर्दा व मूत्र मार्ग की पथरी है। इनमें से सभी रोगों को उचित विधि से उपचार कर गुर्दा रोग से बचा जा सकता है, इस विधि से रोग के उपचार को प्रीरीनल नेफ्रोलॉजी कहा जाता है। रीजेंसी रीनल साइन्स में अति आधुनिक मशीनों से रोग की पहचान और उपचार सम्भव है जिससे क्रोनिक गुर्दा रोगों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।रीजेंसी अस्पताल के वरिष्ठ कंसल्टेंट यूरोलॉजिस्ट डॉ संजीव ने बताया कि पिछले 2 वर्ष मे लगभग 50 सफल किडनी ट्रांसप्लांट किए गये हैं। इन्हें लैप्रोस्कोपी विधि से किया जा रहा है। शीघ्र ही रोबोटिक विधि द्वारा किडनी ट्रांस्प्लान्ट की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी । डॉ संजीव ने बताया कि रीनल सेंटर पर नयी पद्धति के उपकरण के प्रोस्टेट और पथरी का उपचार सम्भव है। इसमें लेजर विधि काफी उपयोगी साबित हुई है ।सिम्पोजियम में अस्पताल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर अतुल कपूर तथा वाईस प्रेजिडेंट अभिषेक कपूर उपस्थित थे । डॉ पीयूष त्रिपाठी, डॉ अविजीत कुमार, डॉ उमेश दुबे तथा डॉ मानसी सिंह ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये ।
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