एचआइवी से बचाव ही सुरक्षा - डॉ. विशाल
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। एड्स दिवस पर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ विशाल कुमार गुप्ता ने (एचआईवी वायरस) एड्स दिवस के बारे जानकारी देते हुए बताया कि एड्स जैसी घातक बीमारियों का इलाज तो अभी नही निकला है, लेकिन अगर एड्स के वायरस से बचाव करना है तो कुछ सावधानियां बरतनी होगी जिससे इसके संक्रमण से बचा जा सके और नई पीढ़ी को भी जागरूक कर उन्हें इस बीमारी से बचाया जा सकता है।(एचआईवी वायरस) एड्स दिवस के अवसर पर मेडिकल कालेज के प्रो0 डा0 विशाल कुमार गुप्ता ने एड्स के बारे में बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारियां दी। उन्होंने बताया कि संक्रामित खून चढ़ाने और नाई की दुकान में प्रयोग किए गए उस्तरे को बिना सही तरीके से साफ किए हुए किसी अन्य की सेव करने पर यह संक्रामण तुंरत ही शरीर के अन्दर चला जाता है। एचआईबी बाहर के वातावरण में ज्यादा देर तक जीवित नही रहता है ,लेकिन जब यह शरीर में चला जाता है तो मरीज के अन्दर की प्रतिरोधक क्षमता को नष्ट करने लगता है जिससे मरीज का शरीर अन्दर ही अन्दर खोखला होता जाता है और एक दिन उसकी मौत हो जाती है। एड्स का वायरस बिना सावधानीपूर्वक शरीरिक सम्बंध बनाने से भी हो जाता है। यही नही एडस मरीज के द्वारा किए गए सेक्स के उपरान्त अगर महिला गर्भवती होती है तो उसके बच्चे को भी यह संक्रामण उसे विरासत के तौर पर भी मिल सकता है। इसी क्रम में आईडीएच प्रभारी डा0 आर.एस. सिंह ने बताया कि प्रतिदिन 50 से 60 नए मरीज एचआईवी के आ रहे है जबकि प्रति माह 3 हजार और साल भर में करीब 36 हजार मरीज अब आ चुके है जो कि एड्स पाजिटिव है उनका इलाज किया जा रहा है। हांलकि पहले से अब संख्या में गिरावट देखने को मिली है इससे पूर्व प्रतिदिन का आंकडा 100 से ज्यादा था ,ललेकिन जागरूकता के चलते काफी हद तक इस नियंत्रण हुआ है बावजूद इसके अभी भी 50 से 60 मरीजो का आंकडा भी ज्यादा है।
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