भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रहमा का मोह किया भंग - आचार्य आर्दश।
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। शास्त्री नगर के श्री रामलला गोपाल मन्दिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के षष्टम दिवस पर भगवान द्वारा ब्रहमा का मोह भंग, इन्द्र का मान भंग व रूकमणि विवाह का प्रसंग के बारे व्यास जी द्वारा भक्तो को श्रवण कराया गया।
श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन कथा वाचक आचार्य आर्दश जी महाराज ने भगवान की महिमा का गुणगान करते हुए बताया कि ब्रहमा जी को जब मोह हो गया तो वह भगवान श्रीकृश्ण की परीक्षा लेने पहुंच गए और उन्होंने सभी गायों और गवालो को गायब कर दिया जिसका भान भगवान को हो गया और उन्होंने अपने ही रूप से कई गायो और गवालो को प्रकट कर दिया। जब एक वर्श बाद ब्रहमा जी गुफा में पुहंचे जहां सबाके बंद किया था वह सभी वहां पर पाए गए जब ब्रहमा जी ने भगवान से प्रार्थना की जिस पर भगवान ने सारी माया को हटा दिया जिससे ब्रहमा जी का मोह भंग हो गया।इन्द्र ने भी अभिमान में घोर बर्शा की ,लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने उनका भी अभिमान नश्ट कर दिया और गोवर्धन की पूजा करा अपना स्वरूप स्थापित किया और ब्रज की रखा की। कथा के क्रम में काकादेव थानाध्यक्ष व गोल्डन बाबा ने पहुंच कर भगवान के श्री चरणो में नमन किया व कथा व्यास जी का सम्मान किया। कथा में मुख्य रूप से मन्दिर के महन्त 108 श्री बलरामदास जी महाराज एवं मन्दिर के सदस्य महेश श्रीवास्तव, राम कुमार अवस्थी, राम चन्द्र शुक्ल पूर्व उपनिरीक्षक, सी.पी.पाठक, देवेन्द्र अग्निहोत्री , हरी शंकर शर्मा समेत तमाम सहयोगी सदस्यगण मौजूद रहे।
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