शतचंडी महायज्ञ एवं भगवती श्री दुर्गा देवी प्रतिष्ठा यज्ञ शुरू
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस वाराणसी यज्ञाचार्य"प्रधानाचार्य"आचार्य पं अमित कुमार पाण्डेय जी काशी के वैदिक विद्वान पं वेदप्रकाश चौबे पं दीपक मिश्र पं विवेक पाण्डेय पं अमित मिश्र पं वेदप्रकाश जी के द्वारा तीसरे दिवस अरणी मन्था के द्वारा अग्नि नारायण का प्राकट्य हुआ और हवन का कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ
साथ ही माँ चंद्रघंटा का भव्य पूजन एवं अर्चन भी किया गया। काशी के विद्वान आचार्य पं. अमित कुमार पाण्डेय
जी के द्वारा बताया गया की माँ दुर्गाजी की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है। नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व है और इस दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन-आराधन किया जाता है। इस दिन साधक का मन 'मणिपूर' चक्र में प्रविष्ट होता है। लोकवेद के अनुसार माँ चंद्रघंटा की कृपा से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं, दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है तथा विविध प्रकार की दिव्य ध्वनियाँ सुनाई देती हैं। ये क्षण साधक के लिए अत्यंत सावधान रहने के होते हैं।साथ ही माँ का ध्यान भी आवश्यक होता है जो इस प्रकार है, --
*पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता | प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता |
माँ का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। इनके मस्तक में घंटे का आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण से इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है। इनके दस हाथ हैं। इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं। इनका वाहन सिंह है। इनकी मुद्रा युद्ध के लिए उद्यत रहने की होती है। यह आयोजन ग्राम खेवशीपुर, कोरुत बाजार पोस्ट लोहता जिला वाराणसी शतचंडी महायज्ञ के-मुख्य यजीमान श्री गुलाब बाबा जी एवं फकीर दास श्री विजय कुमार श्री वीरेंद्र कुमार श्री विकास सिंह प्रजापति विवेक कुमार गंगा कुमार गोलू कुमार एवं समस्त ग्रामवासी गण द्वारा सहयोग किया जा रहा है।