पति के दीर्घायु और मंगल कामना के लिए सुहागिनों ने की वट सावित्री की पूजा,मांगा आशीष
कन्नौज ब्यूरो पवन श्रीवास्तव के साथ प्रिंस श्रीवास्तव
हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस कन्नौज संवाददाता।वट सावित्री व्रत को लेकर आज महिलाओं में खासा उत्साह नजर आया।महिलाओं ने सुबह से ही घरों में आटा के मीठे बरगद व भोग सामग्री बनाना शुरू की और श्रृंगार करने के बाद वट वृक्ष की पूजा की।परंपराओं के अनुसार कहीं पर महिलाओं ने घर पर बरगद की टहनी मंगवाकर पूजा की और कहीं पर वट वृक्ष के नीचे पहुंच कर पूजा कर आरती करने के बाद वट वृक्ष की परिक्रमा कर कच्चे धागे को लपेटा।महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र के लिए बड़े ही सेवा और समर्पण भाव से व्रत रखा और पूजा करने के बाद जल ग्रहण किया।पौराणिक कथाओं में इस बात का उल्लेख आता है कि इसी दिन देवी सावित्री ने यमराज के फंदे से अपने पति सत्यवान के प्राणों को रक्षा की थी। सनातन परंपरा में वट सावित्री पूजा स्त्रियों का महत्वपूर्ण पर्व है।इसे करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती रहने का आशीष मिलता है।पुराणों में स्पष्ट लिखा हुआ है कि वट वृक्ष की जड़ों में ब्रह्मा,तने में विष्णु, डालियों में शिव का वास है।वट वृक्ष के नीचे बैठकर पूजन,कथा कहने सुनने से मनोकामना पूर्ण होती है।आज शनि जयंती होने के कारण शनि मंदिरों में भी विशेष पूजा अर्चना की गई।भक्तों ने फूलमती मंदिर,सिंहवाहिनी और क्षेमकाली मंदिर में स्थित शनि मंदिरों में न्याय के देवता शनिदेव का सरसो के तेल से अभिषेक कर दीपक जलाकर आरती की।