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  1. सदर तहसील पहुंचे पीड़ित का कुछ माह पहले हुआ था पट्टा.
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  3. मंत्री ने एसडीएम को सौंपी जांच, जल्द कार्रवाई के दिए निर्देश
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  5. तिर्वा तहसील के सानापुर करतौली गांव के पीड़ित की गुहार
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  7. पीड़ित पट्टा धारकों का दबंग पर कब्जा करने का आरोप
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  9. कन्नौज में पट्टे की जमीन पर कब्जे का आरोप
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  11. कन्नौज में बंदर को लगा करंट, पुलिसवालों ने बचाई जान करंट लगने से बंदर कमजोर हो गया, जिसके बाद पुलिसवाले ही उसकी देखभाल कर रहे हैं
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  13. पीड़ित लाइनमैन ने पुलिस को दी तहरीर,वीडियो के आधार पर पुलिस मामले की जांच में जुटी इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के लालशाहपुर्वा गांव का वीडियो.
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  15. कर्मियों के साथ मारपीट का वीडियो हो रहा वायरल
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  17. बकाया बिजली बिल जमा करने की बात कहने पर मारपीट
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  19. बिजली विभाग कर्मचारियों के साथ दबंगों ने की मारपीट
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  21. ‘जो अपराधी बचे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी’सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है ,कार्यकर्ता भी प्रशासन का पूरा सहयोग करते है‘सूबे में हो रहे उपचुनाव में सभी सीटें भाजपा जीत रही
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  23. जो हत्या हुई वह बहुत गंभीर बात थी- असीम अरुण
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  25. बहराइच में जो घटना हुई, हत्या हुई गम्भीर विषय- मंत्री
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  27. कन्नौज-बहराइच की घटना पर बोले मंत्री असीम अरुण
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  29. फोर्स के साथ पैदल गश्त पर भी निकले जोगेंद्र कुमार
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  31. विवेचनाओं के निस्तारण, माल निस्तारण के दिये निर्देश
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  33. शस्त्रागार, हवालात, सीसीटीएनएस ऑफिस का निरीक्षण
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  35. कन्नौज-डीआईजी कानपुर जोन पहुंचे तालग्राम थाने
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  37. गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के भवानीपुर गांव का मामला।
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  39. खेत में दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट, सरिया और लाठी डंडों से की मारपीट, खूनी संघर्ष में दोनों पक्षों के कई लोग घायल,
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किसानों के लिए लाभकारी है, राई-सरसों की खेती:-डॉ राजेश
Updated: 9/13/2023 9:04:00 PM By Reporter- rajesh kashyap kanpur

किसानों के लिए लाभकारी है, राई-सरसों की खेती:-डॉ राजेश
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | सीएसए के कुलपति डॉक्टर आनन्द कुमार सिंह के निर्देश के क्रम में कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर के प्रसार वैज्ञानिक डॉ राजेश राय ने बताया कि राई सरसों महत्वपूर्ण फसल है। उन्होंने बताया की राष्ट्रीय कृषि अर्थव्यवस्था में तिलहनी फसलों का द्वितीय स्थान है। डॉ राय ने बताया कि वैश्विक स्तर पर कनाडा और चीन के बाद भारत तीसरा मुख्य सरसों उत्पादक एवं सातवा सरसों के तेल का निर्यातक देश है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में  राई-सरसों का कुल क्षेत्रफल लगभग 7.53 लाख हेक्टेयर तथा कुल उत्पादन लगभग 11.53 लाख मैट्रिक टन है। उन्होंने बताया की विश्वविद्यालय द्वारा विकसित सरसों की प्रमुख प्रजातियां जैसे वरुणा, वैभव, रोहिणी, माया, कांति, वरदान,आशीर्वाद एवं बसंती हैं। जबकि तोरिया की टाइप-9, भवानी, तपेश्वरी,आजाद चेतना, पीतांबरी प्रमुख प्रजातियां हैं। जबकि पीली सरसों में पीतांबरी प्रमुख प्रजाति है ।डॉ राजेश राय ने बताया की विश्वविद्यालय द्वारा राई की आजाद महक एवं सरसों की आजाद चेतना जैसी प्रजातियों का विकास किया गया है। उन्होंने बताया कि वरुणा तथा वैभव जैसी प्रजातियां अर्ध शुष्क दशा में बुवाई हेतु उत्तम होती हैं। उन्होंने कहा कि बुवाई के लिए 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तक का समय उचित रहता है। जबकि अति शीघ्र पकने वाली विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कांति प्रजाति की राई का समय 15 सितंबर से 30 सितंबर तक है। तथा विलंब की दशा में 1 नवंबर से 15 नवंबर तक वरदान व आशीर्वाद उत्तम प्रजातियां रहती हैं। डॉ राय ने बताया कि वैसे तो विश्वविद्यालय द्वारा विकसित राई सरसों की प्रजातियां पूरे देश में उगाई जा रही हैं। उन्होंने बताया की वरुणा प्रजाति सिंचित एवं असिंचित दोनों दशाओं के लिए संस्तुति है साथ ही साथ बदलती हुई जलवायु में तापक्रम के प्रति सहिष्णु हैं।अन्य प्रजातियों की तुलना में रोग व्याधियों कम लगती हैं। उन्होंने बताया कि वरुणा प्रजाति का दाना मोटा एवं तेल की मात्रा अधिक 39 से 41.8% होती है। उन्होंने बताया कि सरसों के तेल का मानव स्वास्थ्य को कई प्रकार से लाभ पहुंचाता है उन्होंने कहा सरसों का तेल स्वास्थ टानिक के रूप में, रक्त निर्माण में योगदान, स्वास्थ ह्रदय, मधुमेह पर नियंत्रण, कैंसर प्रतियोगी, जीवाणु फफूंदी प्रतिरोधी, ठंड और खांसी निवारक, जोड़ों के दर्द और घटिया उपचार तथा अस्थमा निवारक के रूप में प्रयोग किया जाता है। उन्होंने बताया की सरसों से निकलने वाले आवशिष्ठ ठोस पदार्थ को खली कहते हैं खली में 38 से 40% प्रोटीन पाया जाता है जो कि पशु आहार में प्रयोग करते हैं जिससे कि पशुओं को लाभ होता है।


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