रीनल रिप्लेसमेंट थेरेपी पर हुई महत्वपूर्ण कार्यशाला |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | हेल्थकेयर संस्थान रीजेंसी हॉस्पिटल ने 22 सितंबर को इंडियन सोसाइटी ऑफ एनेस्थेशियोलॉजिस्ट्स (आईएसए) के साथ मिलकर एक्स्ट्राकोरपोरियल मेंब्रेन ऑक्सीजेनेशन (ईसीएमओ) और रीनल रिप्लेसमेंट थेरेपी पर ज्ञानवर्द्धक कार्यशाला का आयोजन किया। इस महत्वपूर्ण कार्यशाला में उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों से अनेक प्रतिष्ठित इंटेसिविस्ट्स, फिजिशयन और हेल्थकेयर प्रोफेशनल एक मंच पर एकत्र हुए। यहां प्राप्त आधुनिक मेडिकल प्रक्रियाओं की जानकारी का लाभ पूरे राज्य में मरीजों की बेहतर देखभाल और स्वास्थ्य केंद्रों पर बेहतर परिणामों के रूप में सामने आएगा।
रीजेंसी हॉस्पिटल लिमिटेड, कानपुर के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. अतुल कपूर का कहना है, "हमारे मेडिकल साधनों में नियमित रूप से प्रयोग की जाने वाली हमारी ईसीएमओ और सीआरआरटी मशीनें आधुनिक क्रिटिकल केयर प्रदान करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।"
डॉ आदित्य नाथ शुक्ला (इंटेशिविस्ट रीजेंसी हॉस्पिटल) हाल के वर्षों में, मेडिकल तकनीक में हुई उन्नति ने क्रिटिकल केयर को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डेंगू, वायरल निमोनिया या सेप्सिस जैसी बीमारियों से मल्टीऑर्गन फेल्योर जैसी समस्याएं हो सकती हैं और शरीर के महत्वपूर्ण अंग, जैसे - दिल, फेफड़े और किडनी काम करना बंद कर सकते हैं। पूर्व में इस प्रकार की नाजुक स्थितियों से जूझने वाले मरीजों के ठीक होने की संभावना बहुत कम होती थी। लेकिन आधुनिक तकनीक के विकास से, हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स की पहुंच एक्स्ट्राकोरपोरियल लाइफ सपोर्ट (ईसीएलएस) सिस्टम्स और मशीनों तक हो सकी है। ये आधुनिक तरीके, दिल की बीमारियों या सांस की समस्याओं से गंभीर रूप से जूझने वाले मरीजों के इलाज में बहुत महत्वपूर्ण साबित हुए हैं। ये उनकी रिकवरी में लाइफलाइन की तरह काम करते हैं या उन्हें आगे के इलाज के लिए तैयार कर देते हैं।
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