भगवान गोवर्धन को अर्पण किए छप्पन भोग का प्रसाद |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | कार्तिक मास के पावन अवसर पर जन मानस के कल्याण हेतु और सनातन संस्कृति के संवर्धन हेतु गांधीनगर शुक्लागंज में चल रही श्री मद् भागवत कथा के पंचम दिवस में वृंदावन से पधारे परम पूज्य आचार्य पंडित दीपक कृष्ण महाराज ने पंचम दिवस की कथा के अंतर्गत भगवान की अनेको बाल लीलाओं का वर्णन किया जिसके अंतर्गत महाराज ने माखन चोरी लीला का वर्णन करते हुए बताया कि भगवान गोपियों के घर जाकर उनके मन का हरण करते थे वास्तव में भक्त की आंखों के सामने उसके मन का हरण करना ही माखन चोरी लीला है महाराज ने कथा को आगे बढाते हुए गोवर्धन लीला का वर्णन किया जिससे अंतर्गत महाराज ने बताया कि भगवान ने गोर्वधन पर्वत की पूजा करके हमे संदेश दिया हमे भी प्रकृति का संरक्षण करना चाहिए क्योंकि उसके बिना हमारा जीवन असंभव है और बताया कि भगवान को छप्पन भोग ही क्यों समर्पित किए जाते हैं क्योंकि यह 56 के अंक का मूलांक 11 होता है, अर्थात जब भक्त अपनी 5 ज्ञानेंद्रिय और 5 कर्मेंद्रियां और 1 मन भगवान को अर्पण करता है तो वास्तव में वही छप्पन भोग होता है
इस अवसर पर भक्तों द्वारा गोवर्धन भगवान का पूजन और परिक्रमा कर कढ़ी चावल और 56 भोग भगवान को अर्पण किए गए जैसे महराज ने मैं तो गोवर्धन को जाऊं मेरे वीर नहीं माने मेरा मनवा "भजन सुनाया तो कथा पंडाल मे 25 जनवरी उपस्थित जन समुदाय भाव विभोर होकर नाचने लगा इस अवसर पर जय करन सिंह चौहान , पं गोविन्द प्रसाद दीक्षित, अशोक सिंह, बाल जी दीक्षित, गौरव शुक्ला, ऋषि बाजपेई, रामवीर चौहान, पंडित संतोष मिश्रा, श्यामवीर आदि लोग उपस्थित रहे।