दिहाड़ी पर दो हजार के नोट बदलवाने का सिंडिकेट सक्रिय, सात पकड़े गए
U- काले धन को खपा रहा था गिरोह
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। रिजर्व बैंक की पिछले सितंबर में दो हजार के नोट बदलने की समय सीमा समाप्त होने के बाद अब छूटे हुए दो हजार के नोट बदलने के लिए खुद भारतीय रिज़र्व बैंक ने यह सुविधा दी थी। जिनके पास नोट रह गए हैं वे अपना आधार कार्ड लाकर स्वयं रिजर्व बेंक से एक्सचेंज करा सकते हैं। जिसमें शुरुआती महीनों में बीस नोट तक की सीमा थी।फिर वह घटकर दस नोट रह गई। पर कुछ माफियाओं ने इसका फायदा उठाने के लिए नेताओं और व्यापारियों का नोट बदलवाने का व्यापार शुरू कर दिया। ऐसा ही 2 हजार के नोट बदलवाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने 7 लोगों को पकड़ा है। जो रिजर्व बैंक में नोट बदलवाने पहुंचे थे। एसीपी ने दावा किया है कि जांच में उन्हें सुराग मिले हैं। जल्द ही पूरे सिंडिकेट का खुलासा करके आरोपियों को जेल भेजा जाएगा। नेताओं-कारोबारियों के पास जमा नोट को बदलवाने के लिए शहर से लेकर राजधानी तक एक बड़ा सिंडिकेट एक्टिव है। जो रोजाना रिजर्व बैंक में दिहाड़ी के मजदूरों को लाइन में लगवाकर नोट बदलवा रहा है।
एसीपी अर्चना सिंह ने बताया, शहर में रोजाना दो हजार के नोट बदलवाने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंच रहे थे। इनपुट मिला कि बंद हो चुके दो हजार के नोट को बदलवाने के लिए एक सिंडीकेट काम कर रहा है। कोतवाली पुलिस ने छापेमारी करके 7 लोगों को दबोच लिया। पूछताछ में उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा किया।
आरबीआई से 2 हजार के 10 नोट बदलवाने में सक्रिय सिंडीकेट शहर के अलग-अलग इलाकों से लोगों को लाइन में लगवाकर रुपए बदलवाता है। इसके बदले में दिहाड़ी पर 300 से 500 रुपए देता है। पकड़े गए लोगों ने बताया, कार से ठेकेदार रोजाना आता है। 150 से 200 लोगों को 20-20 हजार रुपए बांट देता है। उसके आदमी आरबीआई के बाहर मौजूद रहते हैं। जो व्यक्ति रुपए बदलवाकर बाहर निकलता है उसकी दिहाड़ी देकर एक्सचेंज मनी अपने पास रख लेता है। इस तरह से रोजाना लाखों रुपए के काले धन को बदलवाने का काम चल रहा है। आदमी जुटाने से लेकर कैश कलेक्शन करने तक अलग-अलग व्यक्ति काम संभाल रहे हैं। एसीपी कोतवाली अर्चना सिंह ने बताया, उन्हें जांच में कई अहम साक्ष्य मिले हैं। साक्ष्यों के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। जल्द ही नोट बदलवाने वाले सिंडीकेट का खुलासा करेंगी। इसमें शामिल सभी आरोपियों को जल्द जेल भेजा जाएगा। जो व्यक्ति अपना पहचान पत्र देकर रुपए बदलवाएगा उसे 300 से 500 रुपए मिलेगा।
एसीपी की मानें तो सिंडीकेट में शामिल रोहित, राकेश और सुधीर भी मोहरा हैं। इनको भी रोजाना लाखों का कैश कोई पहुंचा जाता है। अब तक की जांच में कानपुर, लखनऊ और दिल्ली आरबीआई में सिंडीकेट सक्रिय है। लेकिन कानपुर में पुलिस की सख्ती नहीं होने के चलते गिरोह सबसे ज्यादा तेजी से काम कर रहा है। दिल्ली और लखनऊ में इतनी फ्लो में नोट एक्सचेंज नहीं हो पा रहा। क्योंकि नोट बदलवाने के लिए उन्हें लोग नहीं मिल पा रहे हैं।