यूनिवर्सिटी ऑफ़ बार्सिलोना में चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शिक्षाविदों का सम्मेलन आरंभ
U- एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के अध्यक्ष सीएसजेएमयू के वीसी ने किया भारत का प्रतिनिधित्व
U-भारत और स्पेन उच्च शिक्षा की बेहतरी में विश्व को नई राह दिखा सकते हैं- प्रो. पाठक
U-कुलपति ने भारतीय शिक्षण पद्धति पर विचार व्यक्त किए
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। स्पेन की यूनिवर्सिटी ऑफ़ बार्सिलोना में अंतरराष्ट्रीय शिक्षाविदों चार दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में भारतीय दल का नेतृत्व एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के अध्यक्ष एवं छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने किया। पहले दिन उन्होने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय विश्वविद्यालयों एवं स्पेन के विश्वविद्यालयों के मध्य शैक्षणिक विमर्श लगातार होते रहने चाहिए। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के शुरुआती सत्र में बोलते हुए प्रोफेसर पाठक ने कहा कि भारतीय विश्वविद्यालयों में शिक्षण प्रणाली का स्वरूप ऐतिहासिक रहा है। भारतीय विश्वविद्यालयों में शिक्षा और शिक्षण के वर्तमान परिदृश्य एवं भविष्य की योजनाओं के बारे में बताते हुए प्रो पाठक ने कहा कि भारत और स्पेन संयुक्त रूप से उच्च शिक्षा में एक बेहतर मुकाम हासिल कर सकते हैं। पूरे विश्व का मार्गदर्शन कर सकते हैं। भारत में भारतीय ज्ञान परंपरा एवं नवाचारों के साथ रोजगार परक शिक्षण व्यवस्था विश्वविद्यालयों के कैरीकुलम का अभिन्न हिस्सा है। ऐसे में स्पेन और बाकी विश्व के विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर इस दिशा में और बेहतर कार्य किया जा सकता है। प्रो पाठक ने विश्वविद्यालयों में किये जा रहे रिसर्च एवं नए-नए पाठ्यक्रमों के सृजन तथा इंडस्ट्री की मांग के हिसाब से क्लासरूम टीचिंग के बारे में भी विश्वविद्यालयों की जिम्मेदारी की बात कही। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि एक बेहतर कल के निर्माण में विश्वविद्यालयों का अभिन्न योगदान न केवल बना रहे बल्कि और भी उसमें बढोत्तरी हो। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि हम गुणवत्ता परक, पूरक शिक्षण व्यवस्था सुदृढ़ करें। ताकि भविष्य में बेहतर परिणाम देखने को मिल सकें। बार्सिलोना में 8 जुलाई को पहले दिन इस अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक सम्मेलन में देश और विश्व के जाने-माने शिक्षाविद् शिरकत कर रहे हैं। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने भी भारतीय दल का प्रतिनिधित्व करते हुए इस संगोष्ठी में भारतीय शिक्षण एवं शैक्षणिक विमर्श के बारे में अपना पक्ष रखा। कार्यक्रम में एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज की महासचिव डॉ पंकज मित्तल भी उपस्थित रहीं। उन्होंने स्पेन एवं इंडियन यूनिवर्सिटी नेटवर्किंग सिस्टम के बारे में अपनी बात विस्तार से कही।