71 विभागों ने आईजीआरएस में फर्जी निस्तारण पर डीएम ने की बड़ी कार्रवाई
U-210 को नोटिस तीन दिन में मांगा जवाब, कहा.. लापरवाह अधिकारी बख्शे नहीं जायेंगे।
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। आईजीआरएस और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में आ रही शिकायतों का मौके पर जाए बिना और बिना शिकायतकर्ता से बात किए फर्जी निस्तारण ऑफिस में बैठे-बैठे कर दिया जा रहा है। 4 माह बाद सीएम कार्यालय से लिए गए फीडबैक में अफसरों की पोल खुल गई। शिकायत करने वाले अधिकांश लोग असंतुष्ट हैं। लापरवाही मानते हुए जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने 210 अफसरों को नोटिस जारी किया है। 3 दिन में जवाब देने को कहा है।
आचार संहिता लगने के बाद से आईजीआरएस की समीक्षा शासन स्तर से बंद हो गई थी। जून माह से फिर से शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री स्तर से आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन में आयी शिकायतें जो अधिकारियों ने निस्तारित कर दी थीं, उनका फीडबैक लिया गया गया तो ज्यादातर शिकायतकर्ता अंसतुष्ट मिले। जिसमें 71 विभागों के अधिकारियों ने एक भी समस्या का निस्तारण सही नहीं किया। जिला उपायुक्त मनरेगा स्तर पर 12 शिकायतें आईजीआरएस पर की गईं लेकिन एक भी शिकायत निस्तारित नहीं की। जब शिकायतों के निस्तारण का फीडबैक शिकायतकर्ता से लिया गया तो उन्होंने निस्तारण को लेकर नाराजगी व्यक्त की। इसी प्रकार प्रभारी चिकित्साधिकारी, घाटमपुर, बिल्हौर, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता, बीडीओ ककवन, सरसौल, पतारा, खंड शिक्षा अधिकारी, सब रजिस्टार नरवल, अधिशाषी अभियंता विद्युत समेत अन्य विभागों ने एक भी समस्या के निस्तारण में गंभीरता ही नहीं दिखाई। इनकी सभी शिकायतों का फीडबैक खराब मिला। सीएम कार्यालय से पांच विभागों से सबसे ज्यादा शिकायतों का फीडबैक लिया गया। जिसमें नगर आयुक्त नगर निगम स्तर की दो हजार शिकायतों का फीडबैक लिया गया, जिसमें 1147 का फीडबैक असंतुष्ट मिला।
अधिशाषी अभियंता विद्युत की 619 शिकायतों में 357 का फीडबैक खराब मिला। अधिशाषी अभियंता जलकल की 410 शिकायतों में 215 का फीडबैक खराब मिला। समाज कल्याण विभाग की 315 शिकायतों में से 276 का फीडबैक खराब मिला। महाप्रबंधक जलकल स्तर की 126 शिकायतों में 82 का फीडबैक खराब मिला और पंचायती राज विभाग की 125 शिकायतों में 94 का फीडबैक खराब रहा। इन विभागों की करीब 80 फीसदी शिकायतों का फीडबैक सही नहीं मिला।डीएम द्वारा नोटिस जारी करने के बाद से विभागों में हड़कंप मचा हुआ है। नोटिस जारी होने के बाद शिकायतकर्ताओं से संपर्क कर विभागीय अधिकारी फीडबैक को पॉजिटिव करने में जुट गए हैं।
आईजीआरएस में शिकायतों का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण किया जाना अनिवार्य है। किसी भी लापरवाह अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। आगे जिस भी विभाग की लापरवाही मिलेगी उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
-डीएम राकेश कुमार सिंह