डिप्थीरिया व टिटनेस से बचाव को बच्चों का हो रहा टीकाकरण
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | बच्चों को टिटनेस, डिप्थीरिया (टीडी) और डिप्थीरिया (गलघोंटू)-पर्ट्यूसिस (काली खांसी) और टिटनेस (डीपीटी) से बचाव के लिए शुक्रवार को जनपद के सरकारी व निजी क्षेत्र के स्कूलों, विद्यालयों में विशेष टीकाकरण अभियान चलाया गया। इस दौरान बच्चों में काफी उत्साह भी देखने को मिला। साथ ही बच्चों में टीका लगवाने की उत्सुकता भी दिखी। शहर में सात अक्टूबर तक कुल 150 स्कूलों में सत्र लगा कर छूटे हुए बच्चों को डीपीटी बूस्टर और टीडी का टीका लगाया जायेगा । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक रंजन ने बताया कि कक्षा एक में पढ़ने वाले पांच वर्ष के बच्चों को डीपीटी टू बूस्टर डोज, कक्षा पांच में पढ़ने वाले दस वर्ष के विद्यार्थियों को टीडी दस और कक्षा दस में पढ़ने वाले सोलह वर्ष तक के किशोर किशोरियों को टीडी सोलह वैक्सीन लगाई जा रही है । विशेष टीकाकरण सत्र अब 30 सितम्बर, 01 अक्टूबर, 05 अक्टूबर और 07 अक्टूबर को लगाए जाएंगे। शुक्रवार को प्राथमिक विद्यालय रोमा अहिरवा में विशेष टीकाकरण सत्र के दौरान जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ) डॉ यूबी सिंह ने छात्राओं को बताया कि नियमित टीकाकरण बारह प्रकार की जानलेवा बीमारियों से रक्षा करता है। इन बीमारियों में डिप्थीरिया (गलघोटू) और टिटनेस भी शामिल हैं। इनसे बचाव के लिए ही छूटे हुए बच्चों को उनके स्कूल और कॉलेज में टीका लगाया जा रहा है। इस अवसर पर उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ राजेश्वर सिंह , डब्ल्यूएचओ एसएमओ डॉ हेमंत अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के सहयोगी स्वास्थ्यकर्ता प्रमुख तौर पर मौजूद रहे। लाभार्थी बच्चों के बोल- प्राथमिक विद्यालय रोमा अहिरवा के पांचवीं कक्षा के प्रत्युष पाठक ने कहा “आज मैंने मम्मी-पापा की सहमति से स्कूल में ही टीडी का टीका लगवाया है। इसमें मुझे कोई डर नहीं लगा। सुई लगते समय बस थोड़ी सी झनझनाहट सी हुई थी, लेकिन उसके थोड़ी देर बाद वह भी सही हो गई”। पांचवीं की ही अनन्या मिश्रा ने कहा “मैंने घर वालों की अनुमति से टीडी का टीका लगवाया है। यह पूरी तरह से सुरक्षित है। इसमें मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई। ऐसे ही रिया तिवारी, याशिका व भोगावीर ने एक अन्य निजी स्कूल में पाँचवीं के आर्यन, शैलू, आस्था, काजल, अंजली ने भी टीडी का टीका लगवाया। लक्षण आए तो न घबराएं डीआईओ ने बताया कि टीकाकरण के बाद कुछ बच्चों में बुखार और इंजेक्शन वाली जगह पर लालिमा या सूजन की दिक्कत हो सकती है । यह सामान्य प्रतिक्रिया है और इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। इससे बचाव के उपाय बताने के साथ साथ बुखार की दवा भी दी जाती है ।
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