निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद पार्टी ) ने निकाली संवैधानिक अधिकार यात्रा |
-निषाद पार्टी की रथ यात्रा पहुँची पीलीभीत उमड़ा जन सैलाब |
-जातीय जनगणना पर घड़ियाली आंसू बहा रहा है विपक्ष- कैबिनेट मंत्री
खबर हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस बुद्धसेन कश्यप ब्यूरो चीफ पीलीभीत ।
निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल “निषाद पार्टी” द्वारा संवैधानिक अधिकार यात्रा जनपद पीलीभीत में पहुँची। निषाद पार्टी-राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व में यात्रा जनपद पीलीभीत निरीक्षण भवन (बाइक रैली) से गौरी शंकर मंदिर से मचबा खेड़ा से बरखेड़ा से टिकरी से परसिया से बिसलपुर से वाराह पत्थर चौराहा से ईदगाह चौराहा से फैक्ट्री चौराहा से ब्लॉक चौराहा से बिसलपुर रामलीला मैदान से विलखेड़ा होते जनपद शाहजहांपुर की ओर प्रस्थान किया।
इस दौरान श्री निषाद ने कहां कि संवैधानिक अधिकार यात्रा उत्तर प्रदेश के मछुआ समाज को एकजुट कर उनके हक़-हक़ूक़ के लिए लड़ी जा रही लड़ाई के प्रति जागरूक किया जायेगा साथ ही मछुआ आरक्षण पर निषाद पार्टी द्वारा उठाये गये सभी व्यापक कदम से अवगत कराया जा रहा है। श्री निषाद ने आगे कहां कि जनपद पीलीभीत की निषाद/कश्यप/मछुआ समाज का समर्थन निषाद पार्टी को हमेशा से मिलते आया है। प्रदेश सरकार में मंत्री बनने के बाद जनपद पीलीभीत का दौरा बेशक कम हुआ है, किंतु जब मत्स्य विभाग के जनपदीय बजट के अलॉटमेंट करने की फाइल उनके पास आती है, तो वो पीलीभीत में पश्चिमांचल/रूहैलखंड के बजट का अधिकतम हिस्सा पीलीभीत के मछुआ समाज के लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए दिया जाता है। उन्होंने कहा कि आगामी 13 जनवरी 2025 को निषाद पार्टी अपना 10वाँ संकल्पन दिवस जनपद गोरखपुर में मनाने जा रही है और इस संकल्प दिवस पर प्रदेश के सभी जनपदी से मछुआ समाज के लोग पहुचेगे और संकल्प दिवस में ही मछुआ समाज के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक आरक्षण के मुद्दे को नई दिशा देने का काम किया जायेगा। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जनपद पीलीभीत में हुए स्वागत और यात्रा को मिले समर्थन से अभिभूत है और इससे स्पष्ट होता है कि प्रदेश में मछुआ समाज का विश्वास निषाद पार्टी जीतने में कामयाब रही है। उन्होंने कहा कि यात्रा का माध्यम से मछुआ समाज की सभी उपजातियों को संदेश देने का काम किया जा रहा है, प्रधानमंत्री के नारे को प्रेरणा मानते हुए “एक है तो सेफ़ है” के नारे को बुलंद किया जा रहा है क्योंकि पूर्व की सरकारों मछुआ समाज की उपजातियों को बांटने के काम करते हुए, इनको मिलने वाले संवैधानिक अधिकारों पर डाका डालने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि जल्द ही देश में जनगणना होने वाली है, मछुआ समाज से अपील करते हुए कहा कि केवट, मल्लाह, बिंद, कहार, धीवर, रायकवार, कश्यप, बाथम, तुरैहा, भर, राजभर समेत सभी अन्य 17 उपजातियों को अपनी गिनती संविधान में सूचीबद्ध अनुसूचितजाति मझवार और तुरैहा में करवाये। उन्होंने कहां कि 1961 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में 70 लाख मझवार की आबादी अंकित थी किंतु धीरे-धीरे वो गिनती बढ़ने की बजाय घटती चली गई और 2011 की जनगणना के अनुसार मझवार की आबादी 7 हज़ार रह गई है। नोट:- मझवार सेंसस मैन्युअल 1961 एपेंडिक्स फॉर उत्तरप्रदेश के अनुसार अनुसूचितजाति के क्रमांक 51 नंबर पर अंकित है) उन्होंने कहा कि आख़िर किस अधिकार के तहत पूर्ववर्ती सरकारों ने मझवार की संख्या को कम करने का कार्य किया है, आज विपक्ष में बैठे पूर्व के सत्ताधीश लोग जातीय जनगणना को लेकर घड़ियाली आंसू बहाते है उन्होंने कहा कि वो राहुल गांधी, अखिलेश यादव और मायावती को चैलेंज देते है आये और मझवार व तुरैहा की आबादी की में हुए हेर-फेर व कम होने के मामले पर खुली बहस करें, आख़िर 1961 के अनुसार 70 लाख मझवार की आबादी थी तो 2011 की जनगणना के अनुसार मझवार की आबादी 7 हज़ार कैसे रह गई ऐसे में मछुआ समाज की सभी उपजातियों को मझवार और तुरैहा में गिनती करवाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार से भी बात करेंगे ताकि स्पष्ट हो सके उत्तर प्रदेश में मछुआ समाज (मझवार और तुरैहा) की कितनी आबादी है और पूर्व की सरकारों द्वारा किए गये अत्याचार और भ्रष्टाचार को भी जगज़ाहिर किया जाये।
इस अवसर पर व्यास मुनि निषाद, दिलीप निषाद, संजीत निषाद, अरविंद बिंद, शिवकुमारी निषाद, रामचंद्र कश्यप, रोहित कश्यप, धर्मेंद्र कश्यप, राम नरेश कश्यप, आदित्य कश्यप, विजयपाल कश्यप, महेश कश्यप बुद्धसेन कश्यप देव कश्यप, राम सिंह कश्यप, सेवा राम कश्यप, सुखदेव कश्यप, राम स्वरूप कश्यप, अनिल कश्यप, कमल कश्यप, सुखपाल कश्यप, शांति स्वरूप कश्यप आदि मौजूद रहें |