डीएम ने कैंटोनमेंट क्षेत्र में अतिक्रमण हटवाने के संबंध बैठक कर दिए निर्देश
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में नगर के कैंटोनमेंट क्षेत्र में अतिक्रमण हटवाने के संबंध में बैठक की गई | बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए की आगामी अप्रैल माह में कैंटोनमेंट क्षेत्र में अवैध निर्माण करने वालों को चिन्हित करके उन्हें हटवाने की कार्रवाई की जाएगी, जिससे न्यायालय के आदेश का परिपालन भी सुनिश्चित हो सकेगाl गौरतलब है कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद व सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में नगर के कैंटोनमेंट क्षेत्र में हुए अतिक्रमण और अवैध निर्माण को हटाने के आदेश दिए थे जिसके परिपालन में ही बैठक बुलाई गई थी l जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि अतिक्रमण हटाने हेतु प्रशासन अभी से कमर कस लें, जिससे अप्रैल माह में हर हाल में अतिक्रमण हटाया जा सकेl उन्होंने फील थाने के अंतर्गत भी हुए अतिक्रमण व अवैध निर्माण करने वालों को चिन्हित कर तथा उनके रहने की वैकल्पिक व्यवस्था की पहचान करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए l उन्होंने यह भी कहा कि अतिक्रमण व अवैध निर्माण हट जाने से आम जनमानस को आवागमन की सुविधा के साथ-साथ अन्य बेहतर सुविधाएं प्राप्त होने और उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन भी सुनिश्चित हो सकेगा l
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जनसुनवाई में डीएम ने माँ के उत्पीड़न पर बेटे को लगाई लताड़
कानपुर। गुरुवार की जनसुनवाई में जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के सामने एक ऐसा ममला आया जिसमें एक वृद्ध माँ सुमन देवी ने शिकायत की उनका बेटा कृष्ण मुरारी उन्हें गाली-गलौज करता है और जब वह वृंदावन धाम में दर्शन करने गई थी, तो उनके बेटे ने ताला तोड़कर स्वयं का ताला लगाकर उन्हें घर से बेघर कर दिया l तब महिला ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो माननीय न्यायालय ने इस मामले को जिलाधिकारी के द्वारा निस्तारित करने का आदेश दिया। इस पर मां ने 5 फरवरी को जिलाधिकारी के समक्ष अपनी आप बीती सुनायी। जिस पर जिलाधिकारी ने आज मां के साथ-साथ बेटे को भी कलेक्ट्रेट में उपस्थित होने के लिए कहा था। जब बेटा जिलाधिकारी के सामने पेश हुआ तो उन्होंने महिला के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए उनके बेटे को जमकर फटकार लगाई और उसे अपनी मां से माफी मांगने को कहा l इस पर दोषी बेटा सर झुकाकर अपनी मां से माफी मांगने लगा l यहां भी जिलाधिकारी रुके नहीं और उन्होंने बेटे को खरी -खोटी सुनाते हुए नैतिकता का पाठ पढ़ाने लगे, जिस पर बेटा लज्जित व शर्मिंदा हुआ। इसके उपरांत जिलाधिकारी ने बेटे से माफीनामा लिखवाया और एसीएम- 7 सुरेंद्र बहादुर व पुलिस बल को वृद्ध महिला के घर भेजकर घर का ताला खुलवाया, जिससे महिला को उनके घर में प्रवेश मिल गया l गौरतलब है कि दोषी बेटा तहसीलदार सदर ऑफिस में प्राइवेट जॉब करता है जिसकी जानकारी जिलाधिकारी को नहीं थी इसके पूर्व वह बार-बार कह रहा था कि हम आपके लिए ही काम करते हैं। इस पर जिलाधिकारी ने उससे पूछा कि तुम क्या काम करते हो, तो उसने कहा मैं तहसीलदार सदर के ऑफिस में प्राइवेट नौकरी करता हूं, इस पर भी जिलाधिकारी ने उसका पक्ष न लेते हुए उसे चेतावनी दी कि वह दोबारा ऐसी हरकत नहीं करेगा, अन्यथा विधिक कार्रवाई करते हुए उसे जेल भेज दिया जाएगा।