जब प्रभु की कृपा होती है तो सभी प्रकार के भोग स्वंय उपलब्ध हो जाते है
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। शास्त्री नगर स्थित श्री रामलला गोपाल आश्रम सेवा समिति के तत्वाण्धान में चल रही 23वीं श्री मद्भागवत कथा के चौथे दिन कथा व्यास जी उमेश शुक्ला ने धु्रव चरित्र , पुरांजनि पुख्यान, अजनाम चरित्र, करदम देहुती व भगवान ऋषभदेव की कथा का वर्णन किया।
कथा में कथा वाचक व्यास जी ने ध्रुव चरित्र पर प्रकाश डालते हुए भक्तो को बताया कि जब धु्रव ने पिता का आश्रय लेना चाहा तो उन्हें झकझोर दिया गया और सौतेली मां के द्वारा उन्हकें प्रालम्ब दिया गया। मां ने कहा कि जब मेरी गोद से पुत्र प्रकट होगा तभी वह राजा बनेगा। इसी तरह हरि भक्त धु्रव को अपने पिता उत्तानपाद का स्नेह नही मिला। लेकिन जब भगवान की कृपा हुई तो वही उत्तानपाद धु्रव को बुलाने गए तथा उनका राजतिलक भी किया और उन्हें स्नेह भी दिया।