भगवान परशुराम जयंती पर हुआ सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार
-इत्र नगरी कन्नौज के मोहल्ला शेखाना स्थित आठवीं शताब्दी के बाबा कालेश्वर नाथ मंदिर में धूमधाम के साथ मनाया गया भगवान परशुराम जी का जन्मोत्सव व 30वॉ सामूहिक यगोपवीत संस्कार कार्यक्रम
-धार्मिक और सामाजिक संस्था कान्यकुब्ज साथी संस्था के तत्वावधान में प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी आयोजित कार्यक्रम में उमड़ी अपार भीड़
कन्नौज ब्यूरो पवन श्रीवास्तव के साथ प्रिंस श्रीवास्तव
हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस कन्नौज संवाददाता।इत्र नगरी कन्नौज के मोहल्ला शेखाना स्थित आठवीं शताब्दी के बाबा कालेश्वर नाथ मंदिर में धूमधाम के साथ भगवान परशुराम जी की जयंती मनाई गई।यहां पर धार्मिक और सामाजिक संस्था कान्यकुब्ज साथी संस्था के तत्वावधान में प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी भगवान परशुराम जयंती और 30वॉ सामूहिक यगोपवीत संस्कार को भव्यता के साथ मनाया गया।इस वर्ष कुल 51 ब्राह्मण कुलदीपको का यज्ञोपवीत कराया गया। इससे पहले भगवान परशुराम जी का सुंदर अभिषेक और पूजन अर्चन के साथ रामचरितमानस का अखंड पाठ संपन्न हुआ।कार्यक्रम में स्थानीय ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्र और गैर जिलों से भी ब्राह्मण समाज के लोगो की अपार भीड़ उमड़ी।जिन्हें संबोधित करते हुए पीठाधीश्वर आचार्य कौशल जी महाराज ने कहा कि भगवान परशुराम जी की जयंती हमे प्रेरणा देती है कि हम लोग शास्त्र के ज्ञाता होने के साथ साथ शस्त्र को भी धारण करे।ब्राह्मण समाज सदैव राष्ट्र व समाज को जोड़ने की बात करता है न कि तोड़ने की।उन्होने कहा कि आज व्यक्ति की पहचान उसकी जाति से होती है।अतः हम सब संगठित होकर अपना व समाज का कल्याण करे।समारोह आयोजक व कालेश्वर नाथ मंदिर के सर्वकार सचिन शुक्ल (नरायन) ने कहा कि संस्था अपने उद्देश्यों को पूर्ण करने में पूर्णतया सफल रही है।यह संयोग है कि सभी के सहयोग से इस आयोजन के 30 वर्षों तक का सफलतम सफर पूर्ण हुआ। राष्ट्र सेवा-मानव सेवा के संकल्प के साथ जन्मी संस्था सर्वभूत हिते रताः के आदर्श को आत्मसात कर रही है।उन्होंने समाज के लोगों से कहा कि अपना अहं त्याग कर एकजुट रहना चाहिए।संघे शक्ति कलैयुगे से प्रेरणा लेनी चाहिए। नाम से नही बल्कि कर्म से ब्राह्मण बनने का प्रयास करे।उन्होने समाज की युवा पीढ़ी को चेतावनी देते हुए कहा कि आप लोग गलत संगति से दूर रहे।गलत संगति से स्वंय व समाज कलंकित हो रहा है।ब्राह्मण सदैव कर्मो से पूजा गया है।इस दौरान स्थानीय सहित दूरदराज से आये साधु संतों का सम्मान कर उनका आशीर्वाद लिया गया।समारोह में 51 ब्राहाण कुलदीपकों के यज्ञोपवीत कार्यक्रम भी हुये।जिन्हे आचार्यों द्वारा विधिविधान के साथ सम्पन्न कराया गया। गौरतलब है कि ये भव्य कार्यक्रम शहर का एक अपना अनूठा कार्यक्रम है।इसकी शुरुवात 29 साल पहले प्रमुख समाजसेवी स्मृति शेष मनोज कुमार शुक्ला ने की थी,जो की उनके बाद भी संस्था द्वारा भव्यता से अनवरत की जा रही है।कार्यक्रम में आचार्य प्रकाश चन्द्र मिश्रा, मुकुल किशोर शुक्ला,रवींद्र सामवेदी,दीपक केलकर,मयंक किशोर शुक्ल, अजय पाठक, अवधेश कुमार शुक्ला,दिनेश द्विवेदी,विब्बी शुक्ला,ओम प्रकाश दुबे,आशु दुबे,कुशल मिश्रा,रितेश चतुर्वेदी,रामू पाण्डे, देवेंद्र कुमार मिश्रा, आशीष शुक्ला,डा.अमर नाथ दुबे, चन्दन मिश्रा,जगपाल सिंह, गोपाल अवस्थी,शिवजी मिश्र, सौरभ मिश्रा,रामखिलावन पाण्डे, प्रिंस श्रीवास्तव आदि भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।