राज्य पाल ने दी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं
-योग को नित्य जीवन चर्या का अभिन्न हिस्सा बनाने पर दिया जोर l
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस लखनऊ l प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से राजभवन, लखनऊ में 11वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग' थीम के अंतर्गत प्रशिक्षित योगाचार्यों के निर्देशन में भव्य सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रातः 6 बजे से राजभवन के बड़े लॉन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने स्वयं योग साधकों के साथ भाग लिया और योगासन, प्राणायाम तथा ध्यान का अभ्यास किया। उन्होंने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, बल्कि यह जीवनशैली, आत्मिक अनुशासन और सामूहिक कल्याण का मार्ग है।
उन्होंने सभी का राजभवन के प्रांगड़ में स्वागत करते हुए कहा कि राजभवन में 1 जून से 20 जून 2025 तक प्रतिदिन प्रातः योगाभ्यास सत्र आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थियों, नागरिकों, राजभवन के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं योग प्रेमियों ने नियमित रूप से भाग लेकर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि निश्चित रूप से इस योगाभ्यास सत्र से सभी प्रतिभागियों को शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक रूप से लाभ प्राप्त हुआ होगा। केंद्र सरकार द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सभी राज्यों को 10 बिंदुओं पर कार्य करने के निर्देश प्रदान किए गए थे। राजभवन, लखनऊ में आयोजित योग कार्यक्रम को उन्हीं बिंदुओं को आधार बनाकर योजनाबद्ध रूप से संपन्न किया गया है, जिससे योग के व्यापक प्रभाव को जनमानस तक पहुँचाया जा सके। सभी विश्वविद्यालयों में पर्यावरण और स्वास्थ्य समस्याओं जैसे समसामयिक विषयों पर भी गंभीरता से कार्य होना चाहिए। राज्यपाल ने योग को नित्य जीवन चर्या का अभिन्न हिस्सा बनाने पर जोर देते हुए कहा कि “जो कार्य आपने प्रारंभ किया है, उसे बंद न करें, इसे आदत बनाएं, जीवनशैली बनाएं और पूरे परिवार के साथ योग को अपनाएं। यह पुण्य का कार्य है।” योग हमारे ऋषि-मुनियों की अनुपम देन है, जिसकी महत्ता को आज वैज्ञानिक भी प्रमाणित कर चुके हैं। योग के माध्यम से अनेक गंभीर रोगों से मुक्ति संभव है। उन्होंने कहा कि हमें अस्पतालों की नहीं, स्कूलों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है, और यह तभी संभव है जब समाज स्वस्थ होगा। उन्होंने बताया कि यह परिसर प्रातः 5 बजे से 8 बजे तक तथा सायं 5 बजे से 7 बजे तक आमजन के लिए खुला रहता है, जहाँ बच्चे खेलते हैं, नागरिक व्यायाम और योगाभ्यास करते हैं। उन्होंने कहा कि “यह राजभवन आपका है, इसका उपयोग करें, स्वस्थ रहें और समाज को भी प्रेरित करें।”राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने योग के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में सहयोग देने का संदेश देते हुए कहा कि “स्वस्थ नागरिक ही स्वस्थ समाज का निर्माण करते हैं। ऐसे नागरिक न केवल अपने परिवार और समुदाय के लिए उपयोगी सिद्ध होते हैं, बल्कि हर दृष्टि से लोकहित में कार्य करते हुए राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। हम सबका यह सामूहिक दायित्व है कि मिलकर देश को विकसित और सशक्त बनाएँ।”उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा कि योग और खेल दो ऐसे प्रभावशाली माध्यम हैं जो समाज को न केवल शारीरिक रूप से सशक्त, बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ और अनुशासित बनाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी न केवल देश का नेतृत्व कर रहे हैं, बल्कि 140 करोड़ देशवासियों के स्वास्थ्य की चिंता भी उतनी ही संवेदनशीलता से कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने सभी नागरिकों से मोटापा कम करने तथा खाद्य तेल के प्रयोग में 10 प्रतिशत तक की कमी लाने का आह्वान किया है, ताकि स्वस्थ जीवनशैली को अपनाया जा सके और देश में गंभीर बीमारियों की रोकथाम संभव हो सके।उन्होंने बताया कि गुजरात में वर्ष 2003 में “खेलो गुजरात” अभियान की शुरुआत हुई थी, जो आज भी सक्रिय रूप से चल रहा है और जिसमें युवा, महिलाएँ, बुज़ुर्ग तथा बच्चे सभी उत्साह से भाग लेते हैं। उन्होंने ऐसे कार्यक्रमों को समाज के हित में आवश्यक बताया और कहा कि “हमें इनसे जुड़ना चाहिए, सहयोग करना चाहिए और इन्हें आगे बढ़ाने का कार्य करना चाहिए।”