केंद्रीय मंत्री ने किया संस्थानों के वार्षिक सम्मेलन का शुभारंभ
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | आईसीएआर अटारी जोन 3 कानपुर के निदेशक डॉक्टर एस के दुबे ने बताया कि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देशभर के कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और आईसीएआर संस्थानों के निदेशकों के वार्षिक सम्मेलन का आज पूसा, दिल्ली स्थित सुब्रमण्यम सभागार में शुभारंभ किया। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी, आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट एवं सभी उप महानिदेशक, सहायक महानिदेशक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। यहां श्री चौहान ने कहा कि मैं आईसीएआर को कृषि शिक्षा, विस्तार और अनुसंधान के मंदिर के रूप में देखता हूं। कृषि क्षेत्र में हमारी उपलब्धियां गर्व करने वाली है और वर्तमान स्थिति में आईसीएआर देश का गौरव है। वैज्ञानिक लगातार अनुसंधान में लगे हुए हैं। कृषि विश्वविद्यालय भी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं, लेकिन अभी भी हमें कई अन्य लक्ष्यों को हासिल करना है व गेप को भरना है। दो टाइम का भरपूर पोषणयुक्त आहार उपलब्ध करवाना हमारा मंत्र है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शोध पत्रों और पुस्तकों का लाभ आम किसान को होना चाहिए। साथ ही कहा कि यूनिवर्सिटी से निकले कितने बच्चे एग्रो बिजनेस से जुड़े हैं, इसका आकलन किया जाएं। किसी ने स्टार्टअप शुरू किया है, किसी ने खेती शुरू की है कि नहीं, इसका अध्ययन करें। कृषि की शिक्षा प्राप्त करने के बाद वो शिक्षा खेती के काम आना चाहिए। पढ़ाई व्यावहारिक होना जरूरी है। सैलेरी और रिसर्च का अनुपात क्या होना चाहिए, संसाधनों का बेहतर उपयोग कैसे हो यह देखें। किसानों की मदद के लिए मोबाइल एप या हेल्पलाइन भी होना चाहिए। साथ ही देखें कि हम अपने क्षेत्र में किसानों की क्या मदद कर सकते हैं? आप खुद सोचो, हमारा विश्वविद्यालय भारत में टॉप थ्री में कैसे आये। उन्होंने कहा कि आधुनिक ज्ञान और परंपरागत ज्ञान का संगम कैसे हो, ये सोचें। कई बार किसान व्यावहारिक क्षेत्र में ज्यादा समझता है। हर वीसी दो-तीन बेस्ट प्रेक्टिस साझा करें। सभी विश्विद्यालय के बीच सार्थक प्रतिस्पर्धा होना चाहिए। केवल वीसी बनकर हम संतुष्ट नहीं हो सकते हैं, बेहतर से बेहतर करने की कोशिश करें। अगली बार जब हम बैठें तो हम ये रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करें कि हमने ये तय किया था और उस पर हमने ये काम किया तो बैठना सार्थक होगा।
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