अखिलेश के इशारे पर काम करने वाले दो और दरोगा जांच में दोषी,गैर जनपद में तैनात
U- डीसीपी साउथ बोले- होगी विभागीय कार्रवाई
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर जेल में बंद अधिवक्ता अखिलेश दुबे के इशारों पर काम करने वाले दो और दरोगा जांच में दोषी मिले हैं। थाने चौकी में तैनाती के दौरान विवेचना में गड़बड़ी करने पर इनकी भूमिका संदिग्ध मानकर जांच की गई थी। दोनों ने वर्ष 2015 में हुए बलवा के दो मामलों में शपथ पत्र के आधार पर हंसपुरम आवास विकास निवासी शैलेंद्र को आरोपी बना दिया था। शैलेंद्र सच का आइना संस्था के महामंत्री हैं। इन्होंने ही अखिलेश दुबे के खिलाफ किदवईनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
वर्ष 2015 में अक्तूबर माह में फजलगंज और चकेरी इलाके में दो बवाल हुए थे। दोनों मामलों में पुलिसकर्मियों ने वादी बन उन्मादी भीड़ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। चकेरी थानाक्षेत्र में हुए बवाल में दरोगा विक्रम सिंह ने चौकी का घेराव करने पर 29 नामजद समेत कई अज्ञात पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बलवा, हत्या के प्रयास, सरकारी कर्मचारियों पर हमला, सरकारी कर्मचारी को कर्तव्य पालन से रोकना, धार्मिक और सामाजिक भावनाओं को भड़काना, खतरनाक कार्य करने जैसी धाराएं लगाई गई थीं।विवेचक दरोगा अनुराग सिंह ने विवेचना के दौरान सुनील कुमार यादव और महेंद्र सिंह कुशवाहा को गवाह बनाते हुए उनसे शपथ पत्र लेकर शैलेंद्र का नाम आरोपियों में शामिल कर दिया था। वहीं अक्तूबर 2015 में फजलगंज में धार्मिक जुलूस के दौरान दो पक्षों के आमने-सामने आने से विवाद हो गया था। इसमें दरोगा बृजेश कुमार शुक्ला ने वादी बनकर कुछ नामजद और कई अज्ञात पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। विवेचक दरोगा रमाकांत दुबे ने विवेचना में मोहम्मद इस्लाम और हेमराज को गवाह बना शपथ पत्र लेकर शैलेंद्र का नाम जोड़ दिया था। डीसीपी साउथ दीपेंद्र नाथ चौधरी ने बताया कि नाम बढ़ाने के आरोपी दरोगा अनुराग सिंह और रमाकांत दुबे की भूमिका की जांच की गई थी। दोनों जांच में दोषी मिले हैं। इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। वर्तमान में दोनों पुलिसकर्मी गैर जनपद में तैनात हैं।