यूपीयूएमएस में मनाया गया “राष्ट्रीय एकता दिवस”
*समाज की एकता ही सशक्त भारत की नींव है- कुलपति
जिला संवाददाता शरद यादव
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस सैफई,उत्तर प्रदेश यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज (यूपीयूएमएस), सैफई में आज “राष्ट्रीय एकता दिवस” पूरे उत्साह, श्रद्धा और देशभक्ति के वातावरण में मनाया गया। यह कार्यक्रम आपातकालीन विभाग द्वारा लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में ट्रॉमा सेंटर के लेक्चर हॉल में आयोजित किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रो. (डा०) अजय सिंह द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। इसके पश्चात उन्होंने सरदार पटेल जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। सभी उपस्थितजनों ने “राष्ट्रीय एकता दिवस” की शपथ लेकर देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा के प्रति अपनी निष्ठा दोहराई।अपने प्रेरक उद्बोधन में कुलपति प्रो. (डा०) अजय सिंह ने कहा कि “सरदार वल्लभभाई पटेल ने जिस अटूट संकल्प और दूरदृष्टि से भारत के बिखरे राज्यों को एक सूत्र में पिरोया, वह भारत की एकता का अमिट प्रतीक है। आज हमें भी अपने समाज, अपने गांव, अपने विश्वविद्यालय और अपने प्रदेश को एकता, सद्भाव और सहयोग की डोर में बांधना है।
उन्होंने यह भी कहा कि यूपीयूएमएस केवल चिकित्सा शिक्षा का संस्थान नहीं, बल्कि समाज सेवा, जनस्वास्थ्य और मानवता के मूल्यों का जीवंत प्रतीक है। विश्वविद्यालय के चिकित्सक, शिक्षक और छात्र न केवल अस्पतालों में उपचार दे रहे हैं बल्कि गांव-गांव में स्वास्थ्य जागरूकता, सहयोग और एकता का संदेश भी पहुंचा रहे हैं।कुलपति ने विशेष रूप से विद्यार्थियों और युवा डॉक्टरों से कहा कि आप ही देश का भविष्य हैं। अपने कार्य, व्यवहार और सेवा भावना से समाज में भरोसे और भाईचारे की मिसाल कायम करें। एकता केवल भाषणों में नहीं, बल्कि हर उस प्रयास में दिखनी चाहिए जो दूसरों के जीवन को बेहतर बनाती है।”
कार्यक्रम में वक्ताओं ने सरदार पटेल के योगदान को याद करते हुए बताया कि उनकी नीतियों और विचारों से प्रेरित होकर आज भी भारत विकास, शांति और सद्भाव की दिशा में अग्रसर है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के संकाय सदस्य, अधिकारी, मेडिकल एवं पैरामेडिकल छात्र-छात्राएँ, नर्सिंग स्टाफ तथा स्थानीय समुदाय के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने एकजुट होकर यह संदेश दिया कि “एकता, सेवा और सद्भाव ही सशक्त भारत की पहचान हैं।”कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थितजनों ने यह संकल्प लिया कि वे अपने-अपने स्तर पर स्वस्थ, शिक्षित और एकजुट समाज के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएँगे।