नवजात जीवन की सुरक्षा की दिशा में यूपीयूएमएस की पहल
*सैफई में आयोजित एक दिवसीय बेसिक नियोनेटल रिससिटेशन प्रोग्राम (एनआरपी)
*“पहला स्वर्णिम मिनट” अभियान से नवजीवन देने की दिशा में सशक्त कदम
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस सैफई इटावा।त्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (यूपीयूएमएस), सैफई के बाल रोग विभाग द्वारा इटावा एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के सहयोग से “फर्स्ट गोल्डन मिनट प्रोजेक्ट” के अंतर्गत एक दिवसीय बेसिक नियोनेटल रिससिटेशन प्रोग्राम (एनआरपी) का सफल आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों में नवजात शिशुओं के जीवन की रक्षा हेतु स्वास्थ्यकर्मियों को जीवनरक्षक तकनीकों में प्रशिक्षित करना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रो. (डॉ.) अजय सिंह द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
कुलपति प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा “नवजात शिशु का जीवन पहले स्वर्णिम मिनट पर निर्भर करता है। यदि उसी क्षण सही देखभाल मिले, तो हजारों नवजातों की जान बचाई जा सकती है। यूपीयूएमएस इ
स दिशा में निरंतर कार्यरत है ताकि ग्रामीण क्षेत्र के प्रत्येक बच्चे को जीवन का अधिकार मिल सके।”
प्रो. (डॉ.) आदेश कुमार, डीन, फैकल्टी ऑफ मेडिसिन ने कहा कि “एनआरपी प्रशिक्षण केवल तकनीक नहीं, यह संवेदनशीलता और मानवता से जुड़ा दायित्व है। हमारा लक्ष्य है कि
हर चिकित्सक और नर्सिंग कर्मी नवजात को सुरक्षित जीवन दे सके।”
प्रो. (डॉ.) अमित सिंह, चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि “हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि अस्पताल में आने वाले हर प्रसव के दौरान प्रशिक्षित कर्मी मौजूद हों ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति में त्वरित जीवनरक्षक कार्रवाई की जा सके।”
डॉ. आई. के. शर्मा, अध्यक्ष, इटावा एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने बताया कि “ग्रामीण क्षेत्रों में नवजात मृत्यु दर घटाना एक बड़ी चुनौती है। यूपीयूएमएस जैसे संस्थान इस दिशा में बदलाव के अग्रदूत हैं।”
डॉ. दिनेश कुमार, आयोजन अध्यक्ष एवं विभागाध्यक्ष, बाल रोग विभाग ने कहा कि “एनआरपी प्रशिक्षण से स्वास्थ्यकर्मियों में आत्मविश्वास बढ़ता है। हमारी कोशिश है कि यह ज्ञान हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुँचे।”
कार्यशाला में कुल 40 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें बाल रोग विभाग के संकाय सदस्य, नर्सिंग स्टाफ, तथा एनेस्थिसियोलॉजी, प्रसूति एवं स्त्री रोग और निवारक एवं सामाजिक चिकित्सा विभागों के स्नातकोत्तर रेज़िडेंट शामिल थे।
इस विशेष कार्यक्रम का संचालन विशेषज्ञ प्रशिक्षकों की टीम जिसमें
डॉ. पंकज कुमार (विभागाध्यक्ष, बाल रोग, एस.एन.एम.सी., आगरा),
डॉ. शिव प्रताप सिंह (सह-प्रोफेसर एवं एस.ए.सी., बेसिक एनआरपी यूपी, सीआईएपी),
डॉ. ब्रजेंद्र सिंह (के.एस.जी.एम.सी., बुलंदशहर),
तथा डॉ. संतोष कुमार लोधी (जी.एम.सी., ओरई, जालौन) द्वारा किया गया।
प्रो. (डॉ.) दुर्गेश कुमार ने आयोजन सचिव के रूप में कार्यक्रम के सफल संचालन में अहम भूमिका निभाई।
डॉ. मुनीबा अलीम ने मंच संचालन किया तथा डॉ. निशांत शर्मा ने स्थानीय समन्वयक के रूप में कार्य किया।
यह कार्यक्रम न केवल चिकित्सकीय दृष्टि से बल्कि सामाजिक सरोकार के दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण रहा।
नवजात देखभाल पर केंद्रित ऐसे प्रशिक्षण ग्रामीण माताओं एवं नवजातों के जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में यूपीयूएमएस का सार्थक प्रयास हैं।
विश्वविद्यालय द्वारा आने वाले समय में ऐसे कार्यक्रमों को जिला और ब्लॉक स्तर तक पहुँचाने की योजना भी बनाई जा रही है ताकि हर बच्चे को जीवन की पहली सांस सुरक्षित मिले।