जमीन विवाद में प्रशासन की पहल रंग लाई, आपसी सहमति से रास्ता तय
U-जनता दर्शन में आया था प्रकरण, डीएम के निर्देश पर एसडीएम घाटमपुर ने कराया समाधान
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। जनता दर्शन में मिले जमीन विवाद के प्रकरण में जिला प्रशासन की त्वरित पहल से समाधान निकल आया। ग्राम हिरनी, घाटमपुर की कविता पत्नी सतीश कुमार ने जिलाधिकारी को शुक्रवार को जनता दर्शन में बताया कि उन्होंने मेहनत से एक बिस्वा जमीन खरीदा था, जिस पर मकान निर्माण शुरू किया गया। लेकिन कुछ लोगों ने निर्माण रुकवा दिया, जिससे उनके लगभग डेढ़ लाख रुपये बर्बाद होने की स्थिति बन गई थी।
जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उपजिलाधिकारी घाटमपुर को तत्काल राजस्व टीम बनाकर तथ्यात्मक स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए। नायब तहसीलदार खास की अध्यक्षता में राजस्व निरीक्षक और लेखपाल द्वारा की गई जाँच में यह स्पष्ट हुआ कि विवाद 1992 के चकबन्दी आदेश के एक चकमार्ग से जुड़ा था, जिसे उस समय नक्शे पर ट्रेस नहीं किया गया था। कविता देवी द्वारा खरीदा गया अंश अभिलेखीय रूप से पूर्णतया साफ पाया गया। दूसरी ओर विपक्षी पक्ष अपने खेत तक पहुँचने के लिए पुराने चकमार्ग की वैध मांग कर रहा था। स्थिति की जटिलता को देखते हुए उपजिलाधिकारी घाटमपुर ने उसी शाम सभी पक्षों को कार्यालय में बुलाकर विस्तृत चर्चा की। कई दौर की बातचीत, समझाइश और विकल्पों पर विचार के बाद आपसी सहमति का रास्ता निकला। तय हुआ कि कविता देवी का मकान निर्माण अबाध रूप से जारी रहेगा। साथ ही विक्रेता अपने शेष खेत से दो मीटर चौड़ा मार्ग उपलब्ध कराएगा, जो दारा सिंह की भूमि तक पहुँचेगा। दारा सिंह के खेत में भी चकमार्ग का पुराना अंश कटा पाया गया था, इसलिए मार्ग वहाँ से एल आकार में मुड़कर अपने निर्धारित अंतिम बिंदु तक पहुँचेगा। तय सहमतिनामा को सीओ चकबन्दी को भेज दिया गया, ताकि आदेश और अमल में किसी प्रकार की बाधा न रहे। समाधान के बाद कविता देवी का निर्माण कार्य पुनः शुरू हो गया और उनकी मेहनत की बचत सुरक्षित हो गई। उपजिलाधिकारी घाटमपुर अबिचल प्रताप सिंह ने कहा, जिलाधिकारी के निर्देश पर पूरे प्रकरण को संवेदनशीलता से समझा गया। दोनों पक्ष अपनी-अपनी परिस्थितियों में कठिनाई झेल रहे थे। जनता हित और विधिक प्रावधानों में संतुलन बनाकर आपसी सहमति से समाधान कराया गया।