जलवंशीय एकजुटता महोत्सव में शामिल होने का बांटा न्यौता
U-समागम के लिए जलवंशीय समाज का भरपूर मिला आर्शीर्वाद: दीपू निषाद
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | सूप पीटने से नहीं बल्कि अपने बच्चों को शिक्षित करने से ही घर परिवार की दुखदरिद्रता दूर होती है यह बात वरिष्ठ समाजसेवी एवं पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कानपुर विश्वविद्यालय दीपू निषाद ( सागर) ने कहीं | मौका था ख्योरा कटरी नवाब गंज बिठूर में समाज के चौपाल का | आगे कहां कि समाज के द्वारे द्वारे जा जा कर समाज के देवता और देवी तुल्य मां, बहन, बेटियों से आर्शीर्वाद लेकर आत्मीयक संतुष्टि हुई सभी से एक फिर से विनती गुजारिश है, कि आने वाली 14 दिसंबर दिन रविवार को जलवंशीय समागम एवं एकजुटता महोत्सव पर अवध शिल्पग्राम शहीद पथ लखनऊ आना ना भूले जरुर आये आप सभी का इंतजार रहेगा | उन्होंने आगे कहां कि यदि आप लोगों के आशीर्वाद और ईश्वर की कृपा से बड़ा बनने का मौका मिलता है, तो अपना बड़प्पन कभी खोना नहीं चाहिए, क्योंकि व्यक्ति वजन से बड़ा नहीं होता है,जब तक उसमें वजनदारी न हो | ज्यौं रहीम हनुमंत को,गिरधर कहे न कोय | जो रहीम करत है,सोई बड़ेन को होय | हीरा मुख से न कहें,लाख टका मम मोल | हमारे सर्व शक्तिमान महावीर बजरंगबली जी ने पर्वत उठाने के बावजूद कभी गिरधर कहलवाना उचित नहीं समझा, क्योंकि उनके प्रभु भगवान श्री कृष्ण ने पर्वत उठाया था, इसलिए मर्यादा कायम रखते हुए, उन्होंने अपने आप को कभी, गिरधर कहलवाना उचित नहीं समझा, इसलिए व्यक्ति को अपने शब्दों में, अपनी सोच में और अपने शरीर के सार्वजनिक क्रियाकलाप में मर्यादा कायम रखनी चाहिए | जीवन अनमोल है राह चलते यातायात नियमों का पालन करते हुए ही गंतव्य सुरक्षित पहुंचा जा सकता है, हां और राह में पड़े एक्सीडेंटल को हाॅस्पिटल कराना तो बिल्कुल ही न भूलिए |