नवनिर्मित अभिलेखागार एवं प्रतीक्षालय का लोकार्पण
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | निबन्धन भवन, सिविल लाइन्स स्थित अनुरक्षित कार्यालय भवन तथा नवनिर्मित अभिलेखागार एवं प्रतीक्षालय का लोकार्पण मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ, की प्रेरणा से राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन विभाग, उ०प्र० सरकार, रवीन्द्र जायसवाल द्वारा वर्चुअल माध्यम से किया गया। इस अवसर पर निबन्धन भवन,के प्रांगण में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर विधायिका कल्याणपुर विधानसभा नीलिमा कटियार के कर-कमलों द्वारा लोकार्पण कार्यक्रम सम्पन्न कराया गया। कार्यक्रम में कानपुर मण्डल के निबन्धन विभाग के समस्त अधिकारीगण, कानपुर बार एसोसिएशन एवं लायर्स एसोसिएशन के पदाधिकारीगण सहित बड़ी संख्या में विद्वान अधिवक्तागण उपस्थित रहे।लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने उत्तर प्रदेश शासन के स्टाम्प एवं निबन्धन विभाग द्वारा संचालित विभिन्न लोक-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने दान विलेख, विभाजन विलेख, किरायेदारी विलेख तथा महिलाओं को स्टाम्प शुल्क में दी जा रही विशेष छूट के संबंध में प्रमुख रूप से अवगत कराया। मंत्री ने बताया कि दान विलेख एवं विभाजन विलेख में मात्र रु० 5,000/- के न्यूनतम स्टाम्प शुल्क के माध्यम से वर्षों से चले आ रहे पारिवारिक विवादों के समाधान को आमजन के लिए सरल एवं सुलभ बनाया गया है। साथ ही महिला सशक्तिकरण की दिशा में मुख्यमंत्री की प्रेरणा से महिलाओं के पक्ष में पंजीकृत होने वाले विलेखों पर स्टाम्प शुल्क में दी जाने वाली छूट की अधिकतम सीमा को रु० 10,000/- से बढ़ाकर रु० 1,00,000/- कर दिया गया है। वर्चुअल लोकार्पण के उपरान्त विधायिका नीलिमा कटियार द्वारा विधिवत हवन-पूजन कर फीता काटते हुए नवनिर्मित प्रतीक्षालय एवं अभिलेखागार का औपचारिक उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर विधायिका ने मात्र छह माह की अल्प अवधि में गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य पूर्ण कराए जाने पर निबन्धन विभाग के स्थानीय अधिकारियों की सराहना की तथा इसे कानपुर नगर की जनता के लिए एक महत्वपूर्ण जनसुविधा बताया। कार्यक्रम में अधिवक्ताओं के प्रतिनिधि अनुज कुमार द्विवेदी ने भी अपने उद्बोधन में निबन्धन विभाग की कल्याणकारी योजनाओं की प्रशंसा करते हुए नवनिर्मित प्रतीक्षालय के जनता को समर्पित होने पर प्रसन्नता व्यक्त की।
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