विद्यार्थियों को शैक्षणिक उत्कृष्टता,एवं पर्यावरणीय जागरूक हेतु दिए व्याख्यान
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | सीएसए के कृषि महाविद्यालय में नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए आयोजित दीक्षारंभ–सह–ओरिएंटेशन कार्यक्रम अपने छठे दिवस में डॉ. सी. एल. मौर्य, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय के कुशल नेतृत्व में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों को शैक्षणिक उत्कृष्टता, सामाजिक उत्तरदायित्व एवं पर्यावरणीय जागरूकता के प्रति संवेदनशील बनाते हुए समग्र मार्गदर्शन प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। तकनीकी सत्र डॉ. अरुण कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर, पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिसमें उन्होंने सामाजिक सेवा एवं सामुदायिक सहभागिता के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने ग्रामीण विकास, विस्तार सेवाओं तथा सामुदायिक कल्याण कार्यक्रमों में कृषि स्नातकों की भूमिका को रेखांकित किया। डॉ. अरुण कुमार ने इस बात पर बल दिया कि सार्थक सामाजिक सहभागिता कृषक समुदायों तथा राष्ट्र के समग्र विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। अन्य सत्र में डॉ. अनुराग कुमार सिंह, टीचिंग एसोसिएट, मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग ने “मृदा एवं जल प्रदूषण: कारण, स्रोत, प्रभाव एवं नियंत्रण उपाय” विषय पर एक जानकारीपूर्ण व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने उर्वरकों एवं कीटनाशकों के अंधाधुंध उपयोग, औद्योगिक अपशिष्ट, घरेलू कचरा तथा अनुचित कृषि क्रियाओं सहित प्रदूषण के विभिन्न स्रोतों पर चर्चा की। डॉ. सिंह ने मृदा स्वास्थ्य, जल संसाधनों, फसल उत्पादकता, पर्यावरणीय स्थिरता एवं मानव स्वास्थ्य पर प्रदूषण के दुष्प्रभावों को स्पष्ट किया। साथ ही उन्होंने समेकित पोषक तत्व प्रबंधन, पर्यावरण–अनुकूल प्रौद्योगिकियों को अपनाने तथा प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण जैसे प्रभावी नियंत्रण उपायों का सुझाव दिया। कार्यक्रम के दौरान डॉ. शैलेंद्र प्रताप सिंह, डॉ. सोमेंद्र सिंह, डॉ. कमरुल निस्सा एवं डॉ. रजत मिश्रा सत्र में उपस्थित रहे तथा अपनी उपस्थिति एवं मार्गदर्शन से विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। सत्र संवादात्मक एवं रोचक रहे, जिनमें विद्यार्थियों की सक्रिय सहभागिता देखने को मिली। कार्यक्रम का समापन वक्ताओं एवं आयोजन समिति के प्रयासों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ दीक्षारंभ–सह–ओरिएंटेशन कार्यक्रम का छठा दिवस अत्यंत ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणादायी सिद्ध हुआ, जिसने विद्यार्थियों में सामाजिक उत्तरदायित्व एवं पर्यावरणीय चेतना की भावना विकसित करते हुए भावी कृषि पेशेवरों के रूप में उनके सशक्त आधार को मजबूत किया।
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