प्रदेश के सभी 75 जिलों के क्षय उन्मूलन कार्यकर्ताओ का होगा प्रशिक्षण : डा. सूर्यकान्त
*राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जन आंदोलन के द्वारा टीबी के प्रति लोगों को किया जा रहा है जागरूक -जिला क्षय रोग अधिकारी
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस इटावा 25 नवंबर 2021।राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जन आंदोलन कैम्पेन के तहत क्षय रोग विभाग पूरे जनपद में लगातार टीबी संवेदीकरण अभियान चला रहा है और इस अभियान के तहत लोगों की स्क्रीनिंग कर टीबी की जांच व टीबी के प्रति लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है यह कहना है जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ बी एल संजय का। उन्होंने बताया क्षय रोग विभाग की टीमों के द्वारा जनपद में टीबी की जांच और उपचार के लिए उपलब्ध निशुल्क सेवाओं के बारे में विस्तार पूर्वक लोगों को जानकारी दी जा रही है। जनपद के सभी ईट भट्टों सप्ताहिक बाजारों, मेडिकल स्टोर, निजी चिकित्सालय, किशोर कारागार ,नशा निवारण केंद्र, नारी संप्रेक्षण गृह ,सब्जी मंडी ,स्थानीय हाट बाजार में टीबी खोजी अभियान का संचालन किया गया और इन स्थानों पर क्षय रोग विभाग द्वारा टीमों ने लोगों को टीबी के प्रति जागरूक बनाया और लोगों को समझाया टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है। बीमारी को छुपाने से संक्रमण अन्य लोगों में भी फैलता है इसलिए इसकी जांच और उपचार पूरी तरह निशुल्क है घबराएं नहीं इलाज करवाएं।जनपद निवासी और केजीएमयू रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभागाध्यक्ष डा. सूर्यकान्त जो यूपी स्टेट टास्क फोर्स (क्षय उन्मूलन) के चेयरमैन भी हैं उन्होंंने कहा कि हम प्रदेश के सभी 75 जिलों के क्षय उन्मूलन कार्यकर्ताओ को प्रशिक्षण देंगें जिससे कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के टीबी मुक्त भारत के सपने को साकार कर सकें ।
प्रोफेसर सूर्यकांत ने बताया कि जब टी.बी. रोग से ग्रसित व्यक्ति खांसता, छींकता या बोलता है तो उसके साथ संक्रामक न्यूक्लीआई उत्पन्न होता है, जो हवा के माध्यम से फैल सकता है । विश्व में टी.बी. का हर चौथा मरीज भारतीय है। विश्व में प्रतिवर्ष 14 लाख मौत टी.बी. से होती हैं, उनमें से एक चौथाई से अधिक मौतें अकेले भारत में होती हैं । भारत विश्व का टी.बी. रोग से सर्वाधिक प्रभावित देश है । हमारे देश में लगभग 1000 लोगों की मृत्यु प्रतिदिन टी.बी रोग के कारण होती है। उन्होनें आगे बताया कि लगातार दो हफ्ते तक खांसी आना, खांसी के साथ साथ खून का आना, छाती में दर्द होना, वजन कम होना, शाम को बुखार का आना, रात में पसीना होना जैसे लक्षण होने पर मरीज को तुरन्त टी.बी. की जांच करानी चाहिए। टी.बी. रोग की जांच एवं उपचार सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त उपलब्ध है । प्रधानमंत्री ने वर्ष 2025 तक टी.बी. मुक्त भारत बनाने का सपना देखा है। टी.बी. के इलाज में पिछले कुछ वर्षों से बहुत प्रगति हुई है, पहले बड़ी टी.बी. या एम.डी.आर. टी.बी. के इलाज में दो साल तक का समय लग जाता था, परन्तु अब नई दवाओं के आने से एक साल से कम समय में मरीज का इलाज हो जाता है । पिछले कुछ वर्षों में एम.डी.आर. टी.बी. के रोगियों को सुई लगने वाले इलाज से मुक्ति मिली है, अब इनका इलाज खाने की गोलियों से हो जाता है ।
इस अवसर पर डा. सूर्यकान्त ने स्वलिखित पुस्तक “क्षय रोग; प्रश्न आपके उत्तर हमारे" उन्होंने ने कहा कि इस पुस्तक को पढ़ने से लोगों में टी.बी. के प्रति जागरूकता बढ़ेगी ।