छात्र छात्राओं को राजस्थानी पारंपरिक नृत्य व संस्कृति से कराया गया रूबरू
-सुप्रभाष अकादमी में स्पिक मैके के तत्वावधान में हुआ कार्यक्रम
कन्नौज ब्यूरो पवन श्रीवास्तव के साथ प्रिंस श्रीवास्तव
हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस कन्नौज संवाददाता।सुप्रभाष अकादमी आवास विकास कॉलोनी के तरंग ओपन थिएटर में स्पिक मैके के तत्वावधान में राजस्थानी लोक कला के विश्व प्रसिद्ध पारंपरिक नृत्य कालबेलिया का आयोजन किया गया। इस दौरान छात्र-छात्राओं को राजस्थानी पारंपरिक नृत्य व संस्कृति रूबरू कराया गया।कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ की गई। कालबेलिया डांस ग्रुप के सोमनाथ ने कालबेलिया और बवाई नृत्य के बारे में बताया कि यूनेस्को द्वारा 2010 में इन दोनों प्राचीन नृत्य कलाओं को दुर्लभतम व लुप्तप्राय की श्रेणी में रखा गया है। उन्होंने कहा राजस्थान में ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को पानी की किल्लत रहती है। इसके कारण घर की महिलाएं 20 से 25 किलोमीटर प्रतिदिन पैदल चलकर और सिर पर कई कई मटके एक साथ रखकर पानी भर कर लाती हैं। आज भी दुर्गम ग्रामीण इलाकों की महिलाएं इसी तरह से मटको में पानी ढो रही हैं।यही बवाई नृत्य का आधार भी है। उन्होंने कहा कालबेलिया मुख्यतः घुमक्कड़ जनजाति का नृत्य है। इस जाति के लोग प्राचीन काल से ही सांप नचा कर जीविकोपार्जन किया करते थे लेकिन सांप पकड़ने पर सरकार की पाबंदी के बाद से महिलाओं और बच्चों को सांप की तरह नृत्य करने की शिक्षा दी जा रही है। कार्यक्रम में मिट्ठू सपेरा ने सात मटके एक साथ सिर पर रखकर बवाई नृत्य का शानदार प्रदर्शन किया तथा पैरों में बंधे मजीरे बजाकर आरती की। इसके उपरांत 7 मटके सर पर रख कर एक थाली पर घूम कर नृत्य किया जिससे दर्शक रोमांचित हो गए। आरती सपेरा ने शरीर की भिन्न-भिन्न मुद्राएं बनाकर सांप की तरह कालबेलिया नृत्य का शानदार प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने अपने शरीर को उल्टा घुमा कर जमीन पर रखा सौ रुपए नोट मुंह से उठाया जिसे देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। अंतिम कारनामा तो हैरतअंगेज कर देने वाला था जिसमें उन्होंने शरीर को पूरी तरह से मोड़कर जमीन पर रखी दो अंगूठियों को आंखों की पलकों से उठा लिया। प्रस्तुतीकरण के दौरान राजस्थानी गायक महबूब खां, साकिर खां व कासिम खां ने लोक गीतों की प्रस्तुति दी जबकि सिकंदर खां ने मोरचंग व खड़ताल बजाई ,निजामुद्दीन ने ढोलक वादन और ग्रुप लीडर सुरमनाथ ने मजीरा के साथ संगत दी। इस अवसर पर चेयरमैन विभा रानी सक्सेना, प्रिंसिपल अलका गुप्ता, नीना सक्सेना एवं डेजी ने शाल ओढ़ाकर व प्रतीक चिन्ह देकर आरती सपेरा व मिट्ठू सपेरा का अभिनंदन किया। डायरेक्टर डॉ आत्माराम शर्मा, प्रिंसिपल संदीप वर्मा एवं जेएसआईटीएम के प्राचार्य आलोक पांडेय ने शाल ओढ़ाकर व प्रतीक चिन्ह भेंट करके सुरमनाथ व उनके सहयोगियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में प्रबंधक हिमांशु सक्सेना ने सभी कलाकारों एवं आगंतुकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भविष्य में भी स्पिक मैके द्वारा इसी तरह से छात्र छात्राओं को देश की सांस्कृतिक विरासत से रूबरू कराया जाता रहेगा। कार्यक्रम में समस्त छात्र छात्राओं सहित जेएस सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सुप्रभाष अकादमी व जेएसआईटीएम के समस्त स्टाफ सहित बड़ी संख्या में अभिभावक भी मौजूद रहे।