देवी की भक्ति में डूबी सुगन्ध नगरी
कन्नौज ब्यूरो पवन श्रीवास्तव के साथ आलोक प्रजापति
हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस कन्नौज संवाददाता। शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन सुगन्ध नगरी कन्नौज पूरी तरह भगवती दुर्गा की भक्ति में डूब गई। मंदिरों में एक ओर जहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दर्शनों के लिए उमड़ रही है वहीं नव दुर्गा उत्सव के लिए सजाए गए पंडालों में स्थापित भगवती की मूर्तियों के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु पहुंच रहे हैं और महाआरती में भारी भीड़ जुट रही है।नगर के सिद्धपीठ फूलमती देवी मंदिर में प्रातः साढ़े चार बजे ही भक्तों की भीड़ जुटनी शुरू हो जाती है। मंदिर के पुजारी शिखर मिश्रा के द्वारा मंगला आरती की जाती है। सुबह से ही भक्त मंदिर पहुंच कर आरती में भाग लेते हैं वहीं शाम को होने वाली आरती में भी पूरा मंदिर परिसर भक्तों से भरा रहता है। भद्रकाली मंदिर मकरंद नगर, सिंहवाहिनी मंदिर, क्षेमकली मंदिर, अंबिका पथवारी देवी मंदिर, सरायमीरा स्थित काली दुर्गा मंदिर में भी भक्तों की भारी भीड़ रही।यहां जिला परिवहन अधिकारी इज्या तिवारी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सन्मार्ग संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम नव दुर्गा उत्सव पंडाल में आज कथा व्यास ब्रजेश द्विवेदी ने श्री मद भागवत कथा का शुभारंभ किया।आचार्य ने कहा कि श्रीमद भागवत कथा सारे पापों को नष्ट करने वाली है। जब पुण्य का उदय होता है तभी श्रीमद भागवत कथा सुनने का सौभाग्य प्राप्त होता है। आचार्य ने कहा कि नवरात्रि के समय भगवती की आराधना और पूजन के साथ भागवत कथा का रसपान करना विशेष फलदाई होता है। सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत मंच से नगर के स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। बच्चों ने धार्मिक गीतों पर नृत्य प्रस्तुत कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।नगर पालिका अध्यक्ष शैलेन्द्र अग्निहोत्री वंदेमातरम ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी बच्चों को पुरुस्कृत कर सम्मानित किया।अन्य पूजा पंडालों में भी आज सुंदरकांड पाठ के आयोजन किए हुए। भोलानाथ धर्मशाला में चल रहे नवदुर्गा उत्सव में सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। सिपाही ठाकुर में भी हवन पूजन के साथ कार्यक्रम आयोजित किए गए।तिर्वा स्थित अन्नपूर्णा मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुट रही है। त्रिपुर सुन्दरी का यह मंदिर काफी सिद्ध है और भगवती की कृपा पाने के लिए दर्जनों जिले से श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए यहां पहुंचते हैं।