होम कानपुर कानपुर आस-पास अपना प्रदेश राजनीति देश/विदेश स्वास्थ्य खेल आध्यात्म मनोरंजन बिज़नेस कैरियर संपर्क
 
  1. मैनपुरी में आज सपा सांसद डिंपल यादव ने अखिलेश यादव के साथ कियाऐ एए ऐनामांकन।
  2.      
  3. कन्नौज - चुनाव ड्यूटी के लिये जिले से रवाना हुआ पुलिस फोर्स। 8 बसों से 8 लोकसभा सीटों पर चुनाव कराने रवाना हुआ फोर्स। एएसपी डॉ संसार सिंह ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना। पुलिस लाइन से फोर्स को लेकर रवाना हुई बसें। एक दिन पहले एसपी ने फोर्स को किया था ब्रीफ। जिले के करीब 500 पुलिस अफसरों, कर्मियों की चुनाव में लगी है ड्यूटी।
  4.      
  5. सफाई व्यवस्था दुरुस्त हो इसके चलते सफाई ठेकेदार को दिए गए सुझाव।
  6.      
  7. रक्त परीक्षण विभाग में लगी मरीजों की भीड़ देखकर संबंधितों को दिए दिशा निर्देश।
  8.      
  9. वार्डों सहित रक्त परीक्षण विभाग एवं ओपीडी की व्यवस्थाओं का लिया जायजा।
  10.      
  11. कन्नौज ।मुख चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर शक्ति वसु ने किया संयुक्त जिला अस्पताल का दैनिक निरीक्षण ।
  12.      
  13. कन्नौज - तेज धमाके के साथ पुराने मकान के उड़े दरवाजे। तेज धमाका सुन इलाके में मचा हड़कंप। सूचना पर पहुंची पुलिस व फॉरेंसिक टीम ने शुरू की जांच। धमाके में नही हुआ कोई जान माल का नुकसान। घटना स्थल से पुलिस को रखे मिले पुराने पटाखे। फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य इक्कठा कर लैब भेजे। कोतवाल दिग्विजय सिंह बोले जल्द सने होगी सच्चाई। सदर कोतवाली क्षेत्र के बगिया फजल ईमाम मोहल्ले का मामला।
  14.      
  15. कन्नौज - घर घर वोटिंग के लिये जागरुक कर रहे सिलेंडर। गैस सिलेंडर में चिपकाए जा रहे वोटिंग के लिये जागरुक करने वाले स्टीकर। जिला पूर्ति विभाग ने शुरू कराया जागरुकता अभियान। सिलेंडर ढोने वाले वाहनों को बनाया मतदाता जागरुकता रथ। सदर स्थित गैस एजेंसी से हुई मतदाता जागरुकता अभियान की शुरुआत। डीएसओ राजेश कुमार मिश्रा बोले आयोग के निर्देशानुसार शुरू किया गया जागरुकता अभियान।
  16.      
  17. उत्तर प्रदेश -कन्नौज यूनियन बैंक में लगी भीषण आग। आग से बैंक पूरी तरह जलकर राख। सूचना पर पहुंची दमकल की तीन गाड़ियां आग बुझाने में जुटी। होली की छुट्टी के कारण आज बन्द थी बैंक। लाखों कैश और अभिलेख सहित कम्प्यूटर जलकर नष्ट होने की आशंका। शार्ट सर्किट बताया जा रहा आग लगने का कारण। छिबरामऊ के पश्चिमी बाईपास पर स्थित यूनियन बैंक शाखा में लगी आग। छिबरामऊ कोतवाल भारी फोर्स के साथ मौके पर मौजूद।
  18.      
  19. उत्तर प्रदेश कन्नौज-कन्नौज कार की टक्कर से बाइक सवार डॉक्टर की मौत, घटना के बाद परिजनों में मचा हड़कंप,गुस्साए डॉक्टरों व छात्राऑ ने हाइवे किया जाम,पुलिस ने कार को पकड़ा,मेडिकल कॉलेज में तैनात थे,डॉक्टर तिर्वा के राजकीय मेडिकल कॉलेज के सामने का मामला
  20.      
  21. उत्तर प्रदेश कन्नौज-कन्नौज -तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक सवारों को मारी टक्कर, हादसे में बाइक सवार दो लोगों की घटनास्थल पर दर्दनाक मौत, एक युवक की हालत गंभीर, हादसे के बाद ट्रक चालक गाड़ी लेकर मौके से हुआ फरार, मौके पर पहुंची पुलिस, इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के अगौस गांव के पास की घटना।
  22.      
  23. उत्तर प्रदेश कन्नौज -कन्नौज पहुंचे केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ,बीजेपी कार्यालय पर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की,अखिलेश और कांग्रेस पर बोला हमला ,वन नेशन वन इलेक्शन का समर्थन किया
  24.      
  25. उत्तर प्रदेश-औरैया एक भ्रष्ट खंड शिक्षा अधिकारी ₹30000 लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार।
  26.      
  27. सुप्रसिद्ध गज़ल गायक पंकज उदास नहीं रहे
  28.      
  29. उत्तर प्रदेश/कानपुर-एडीजी जोन ने निर्वाचनों में अपने मताधिकार के प्रयोग की दिलाई शपथ
  30.      
  31. उत्तर प्रदेश/कानपुर देहात-एडीजी जोन ने नवनिर्मित मीडिया सेंटर कक्ष का किया उद्घाटन
  32.      
  33. उत्तर प्रदेश/कानपुर-छात्र-छात्राओं का शैक्षणिक भ्रमण दल आया वापस, कुलपति ने दी बधाई
  34.      
  35. उत्तर प्रदेश/कानपुर -उ.प्र. दिवस का सीएसए सभागार में विस अध्यक्ष ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया शुभारंभ।
  36.      
  37. उत्तर प्रदेश/वाराणसी- माता मंगलागौरी के अन्नकूट श्रृंगार महोत्सव के अवसर पर निकाला गयी भव्य कलश यात्रा
  38.      
  39. उत्तर प्रदेश- कानपुर राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर पेटिंग, पोस्टर व रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन
  40.      
 
 
आप यहां है - होम  »  देश/विदेश  »  जीवन में कभी हार न मानने वाली लड़कों की भावना और उनकी प्रेरणा ने किया प्रभावित : निर्देशक
 
जीवन में कभी हार न मानने वाली लड़कों की भावना और उनकी प्रेरणा ने किया प्रभावित : निर्देशक
Updated: 11/27/2022 9:36:00 AM By Reporter- Sarvottam Singh

जीवन में कभी हार न मानने वाली लड़कों की भावना और उनकी प्रेरणा ने किया प्रभावित : निर्देशक |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस नई दिल्ली। आयुष्मान फिल्म के निर्देशक जैकब वर्गीज़ ने कहा, “आयुष्मान ग्रामीण भारत के वंचित वर्ग वाले 14 वर्ष के दो ऐसे बालकों की कहानी है, जो एचआईवी पॉजीटिव हैं। वे एचआईवी मरीजों के साथ बरते जाने वाले भेदभाव और सामाजिक कलंक का सामना करते हुये मैराथन दौड़ों में हिस्सा लेते हैं तथा मरीजों के मन में सकारात्मक बदलाव व उम्मीद जगाते हैं।” फिल्म के निर्देशक गोवा में आयोजित होने वाले भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के दौरान पत्र सूचना कार्यालय द्वारा आयोजित ‘टेबल टॉक्स’ सत्र में मीडिया तथा महोत्सव में आये प्रतिनिधियों से बात कर रहे थे।
इस वृत्तचित्र के पीछे की प्रेरणा के बारे में निर्देशक ने कहा, “जीवन में कभी हार न मानने वाली लड़कों की भावना और उनकी प्रेरणा ने मुझे भी प्रभावित किया है। ये लड़के अपने कष्ट के बारे में शिकायत करना बंद कर देते हैं। शिकायतें करने के बजाय वे चुनौतियों का सामना करते हैं और दिलों को जीत लेते हैं।” यह यात्रा लगभग छह वर्षों में पूरी हुई, जिसका हवाला देते हुये जैकब वर्गीज़ ने कहा कि वे बाबू और मानिक नाम के लड़कों से मिले थे, जो उस समय 12 वर्ष के थे। वे एचआईवी पॉजीटिव बच्चों के एक यतीमखाने में रहते थे। वर्गीज़ा ने कहा, “उनमें से एक बच्चे को तो पैदा होते ही त्याग दिया गया था और दूसरा बच्चा अपने परिवार तथा भविष्य को लेकर भयभीत था। जब मैं उन बच्चों से मिला, जिनका एचआईवी पॉजीटिव पैदा होने में कोई कसूर नहीं था, तो सबसे पहला विचार मेरे मन में आया कि ये कैसे अपनी जिंदगी जियेंगे, कैसे जिंदा रहेंगे और कब तक जिंदा रहेंगे।” वर्गीज़ ने कहा, “हमारे पास इन सवालों के जवाब नहीं हैं।”
लेकिन उन्हें तब बहुत अचरज हुआ कि ये लड़के कैसे इतना साहसी हैं और कैसे वे अपनी मनपसंद गतिविधियों में हिस्सा लेकर लड़ने के लिये संकल्पित हैं। वे दौड़ते हैं और इस तरह अपने संकल्प को व्यक्त करते हैं। निर्देशक ने बताया कि ये लड़के धीरे-धीरे कदम बढ़ाकर इस बड़ी मंजिल तक पहुंचे हैं। पहले ये 10 किलोमीटर लंबी दौड़ में हिस्सा लेते थे और आगे चलकर हाफ मैराथन, यानी 21 किलोमीटर की दौड़ में हिस्सा ले रहे हैं। उनकी यात्रा की बारीकियां साझा करते हुये वर्गीज़ ने कहा कि इन लड़कों ने छोटे पैमाने पर शुरूआत की थी। उन्होंने कहा, “जब हम धारा में बहने के लिये तैयार हुये, तो मैं उनके साथ धीरे-धीरे आगे बढ़ा। मैं उनके मिशन के साथ पांच महाद्वीपों और 12 देशों में गया। मैं बस, उनके साथ-साथ चलता रहा और उनकी जिंदगी को उतारता रहा।”
अपने लक्ष्य को हासिल करने पर आमादा उन लड़कों के स्वास्थ्य के बारे में जब पूछा गया, तो निर्देशक ने कहाः “खेल को उन लोगों ने विश्वास और दम-खम बनाने के माध्यम के रूप में चुना। लेकिन इन सबसे ऊपर उनके रोग के साथ जो कलंक जुड़ा है, सबसे ज्यादा तो उसी ने उन्हें प्रेरणा दी है। यह कलंक ही उन्हें सही पोषण और व्यायाम के बारे में सकारात्मक दिशा में ले जा रहा है।” वर्गीज़ ने कहा कि रोग से शरीर को उतना नुकसान नहीं होता, जितना नुकसान उससे जुड़े कलंक से होता है, जो मनोवैज्ञानिक स्तर पर प्रभाव डालता है। उन्होंने कहा कि मनोवैज्ञानिक पक्ष पर बहुत काम करने की जरूरत होती है, क्योंकि ये लड़के इस सच्चाई के साथ बढ़ रहे हैं कि उनके परिवार ने बिना किसी कसूर के उन्हें त्याग दिया है।
वर्गीज़ ने कहा कि रोग से जुड़े सामाजिक कलंक और भेदभाव की भावना उन लड़कों से उनकी छोटी-छोटी खुशियां तक छीन लेते हैं। इसके पीछे गलतफहमियों का बहुत हाथ होता है। उन्होंने कहा कि एचआईवी, कुष्ठ जैसी बीमारियों के बारे में बहुत गलतफहमियां हैं, जिनके कारण ये लोग जीवन को पूरी तरह जी नहीं पाते तथा यहां तक कि उन्हें अपने कई अधिकारों से भी वंचित होना पड़ता है। इन लड़कों में जो भारी बदलाव आया और जो आशा की महान यात्रा बनी, उसके बारे में वर्गीज़ ने कहा कि ये लड़के यतीमखाने में रहने वाले इसी तरह के बच्चों के लिये रोल मॉडल हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि ये लड़के अपनी अंतिम सांस तक इसी तरह दौड़ते रहेंगे और अनेक लोगों की प्रेरणा बनेंगे।
निर्देशक जैकब वर्गीज़ पुरस्कृत भारतीय फिल्म निर्माता, निर्देशक और लेखक हैं, जो अपने संवेदनशील लेखन तथा बेहतर फिल्मों के लिये जाने जाते हैं। वे कन्नड़ फिल्म उद्योग के उच्च गुणवत्ता युक्त सिनेमाई मनोरंजन के लिये प्रसिद्ध हैं। वर्गीज़ प्रायः ऐसे विषयों पर फिल्म बनाते हैं, जिन्होंने उनके दिल को छुआ हो या कोई ऐसा व्यक्तित्व हो, जो उनको प्रेरित करता हो। वे कहते हैं, “ऐसी फिल्मों पर जो खर्च आता है, वह पैसा भी शायद आपको वापस न मिले। साथ ही ऐसी फिल्मों को प्रदर्शित करने का कोई जरिया भी नहीं होता, बस यही महोत्सव होते हैं।” उन्होंने कहा कि बाबू और मानिक की यह असली कहानी है। वे चाहते थे कि तथ्य सामने आयें, इसलिये यह वृत्तचित्र बनाया है।आयुष्मान का प्रदर्शन गोवा में आयोजित होने वाले 53वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के गैर-फीचर श्रेणी के इंडियन पैनोरामा के तहत हुआ।
फिल्म के बारे में –
निर्देशक- जैकब वर्गीज़
निर्माताः दिनेश राजकुमार एन, मैथ्यू वर्गीज़, नवीन फ्रांको
पटकथाः जैकब वर्गीज़
सिनेमाटॉग्राफरः जैकब वर्गीज़
संपादनः कलवीर बिरादर, अश्विन प्रकाश आर
सारः यह ग्रामीण भारत के वंचित वर्ग वाले एचआईवी पॉजीटिव दो 14 वर्षीय बच्चों की कहानी है। उनमें से एक बच्चे को तो पैदा होते ही त्याग दिया गया था और दूसरा बच्चा अपने परिवार तथा भविष्य को लेकर भयभीत था। दौड़ने से प्रेरणा लेकर, वे सामाजिक कलंक और भेदभाव का सामना करते हुये लोगों में जागरूकता तथा विश्व में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करते हैं।
निर्माताः दिनेश राजकुमार एन वरिष्ठ पत्रकार, सिनेमाटॉग्राफर और पुरस्कार प्राप्त फिल्म निर्माता हैं। उन्हें दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है –आंधीयुम (2008) और ड्रिब्लिंग विद देयर फ्यूचर (2016) के लिये।

Share this :
   
State News से जुड़े हर ताज़ा अपडेट पाने के लिए HNS के फ़ेसबुक पेज को लाइक करें
 
प्रमुख खबरे
PM Modi को आशीर्वाद स्वरुप काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारी ने दिया बाबा का श्रृंगार मुकुट
नरेंद्र मोदी पीएम ने वर्चुअल तरीके से गोविंदपुरी तथा अनवरगंज रेलवे स्टेशनों का किया शिलान्यास
डिजिटल प्लेटफार्म पर विवि में प्रस्तुत हुआ पीएम
ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी @4,0 का जनपद स्तरीय कार्यक्रम किया आयोजित
पूर्व केंद्रीय मंत्री की ८५ वीं जयंती पर उनके तैल चित्र में की पुष्पांजलि
 
 
 
Copyright © 2016. all Right reserved by Hindustan News Express | Privecy policy | Disclimer Powered By :