हर्षकालीन गौरीशंकर शिवलिंग पर किया गया था ऑयल पेंट
-सावन सोमवार के बाद दो दिवसीय श्रृंगार में विशेषज्ञ ने किया कारनामा
-एक वीडियो से अब हुआ खुलासा
कन्नौज ब्यूरो पवन श्रीवास्तव के साथ प्रिंस श्रीवास्तव
हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस कन्नौज संवाददाता।कन्नौज के हर्षकालीन सिद्धपीठ बाबा गौरीशंकर के शिवलिंग को सावन सोमवार के बाद यह दो दिवसीय श्रृंगार के दौरान आसमानी रंग के ऑयल पेंट से रंग दिया गया था।इस कृत्य के होने तक न तो मंदिर के पुजारी ने कोई ध्यान दिया और न ही मंदिर कमेटी के किसी सदस्य ने इस पर ध्यान दिया।बाद में जानकारी होने पर मंदिर कमेटी ने ग्वाल मैदान के श्रृंगार विशेषज्ञ को जमकर हड़काया और फिर काफी प्रयास के बाद इसकी बर्तन साफ करने वाले लोहे के तार के ब्रश (जूना) से उसको साफ कराया गया।हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस संवाददाता को एक भक्त द्वारा दिए गए वीडियो में इस बात का खुलासा हुआ है कि कुछ लोग आसमानी रंग के ऑयल पेंट से पुते गौरीशंकर के शिवलिंग को जूने से रगड़कर साफ कर रहे हैं। यह मामला घोर लापरवाही और आस्था के साथ खिलवाड़ का भी है।इसके लिए न केवल श्रृंगार विशेषज्ञ जिम्मेदार है बल्कि मंदिर के पुजारी और मंदिर कमेटी भी जिम्मेदार है।जब इस वीडियो के संबन्ध में मंदिर कमेटी के अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव से बात की गई तो उन्होंने स्वीकार किया कि श्रृंगार विशेषज्ञ के द्वारा शिवलिंग पर ऑयल पेंट पोता गया था जिसे जानकारी होने पर साफ कराया गया और श्रृंगार विशेषज्ञ को चेतावनी दी गई।उन्होंने कहा कि अब वर्तमान में शिवलिंग पर किसी भी रंगाई पर रोक लगा दी गई है।यह ऐतिहासिक शिवलिंग स्वयंभू है और हर्षकालीन हैं।महाराजा हर्ष के जमाने में इस ऐतिहासिक और सिद्ध गौरीशंकर शिवलिंग की पूजा अर्चना करने के लिए एक हजार पुजारी नियुक्त थे।उस समय बड़ा भव्य रूप रहा होगा। प्रदेश सरकार ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि महाराजा हर्ष के अलावा कन्नौज में हुए अनेक राजाओं ने बाबा गौरीशंकर में माथा टेका है।इस शिवलिंग के बारे में यह भी बताया जाता है कि इसकी गहराई को नापने के लिए खुदाई करके देखा गया लेकिन जैसे जैसे शिवलिंग की खुदाई की गई उसके नीचे का आकार और बड़ा होता चला गया और एक समय ऐसा आया कि उसमे से लाल जल निकलने लगा तभी शिवलिंग के आसपास खुदाई रोक दी गई।बाबा गौरीशंकर मंदिर के नवनिर्माण में श्री स्व श्रीराम त्रिवेदी का बहुत बड़ा योगदान रहा है।मंदिर को भव्य रूप देने में स्व शिवनारायण भट्टाचार्य,स्व सांताराम केलकर, स्व गंगा विष्णु शर्मा का भी बहुत योगदान रहा है।पूर्व पालिकाध्यक्ष केशव दास टंडन का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है।लेकिन हाल ही में कमेटी की लापरवाही के कारण जिस तरह से शिवलिंग के साथ छेड़छाड़ की गई वह निंदनीय है और करोड़ों भक्तों की आस्था पर चोट पहुंचाई गई।बाबा का श्रृंगार केवल चंदन और भस्म से होता है कहीं पर भी शिवलिंग पर ऑयल पेंट नहीं पोता जाता है।कमेटी के अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि अब ऐसी घटनाओं की पुनरावृति नही होगी और शिवलिंग की आस्था को लेकर किसी को छेड़छाड़ नहीं की जायेगी।