पशुओं के लिए संतुलित आहार बनाने की तकनीक विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण का समापन |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | सीएसए के अधीन कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर द्वारा संचालित अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत पशुओं के लिए संतुलित आहार बनाने की तकनीक विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण का समापन ग्राम गणेशपुर में किया गया। जिसमें केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर शशिकांत ने किसानों को बताया कि स्थानीय उपलब्ध खाद्य पदार्थों से पशुओं को संतुलित आहार बना सकते हैं जिसके अंतर्गत आहार में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, विटामिन एवं मिनरल की उचित मात्रा मौजूद हो। इसके लिए आहार में दाना (मक्का, जौ, गेहूं, बाजरा) 40 प्रतिशत, चोकर एवं चूने की मात्रा 30%, खली (बिनौला की खली, सरसों की खली, मूंगफली की खली इत्यादि )की मात्रा 27 प्रतिशत खनिज लवण की मात्रा दो प्रतिशत एवं नमक की मात्रा एक प्रतिशत मिलाकर राशन तैयार करना चाहिए।यह राशन बाजार के राशन से कम लागत में तैयार हो जाता है। जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन एवं मिनरल उचित मात्रा में मौजूद होता है जिसके खिलाने से पशु स्वस्थ रहेगा। डॉक्टर शशी कांत ने बताया कि यह राशन पशु को विभिन्न आधार पर खिलाया जायेगा।जिसके अंतर्गत शरीर की देखभाल के लिए - यदि गाय हैं तो 1 किग्रा तथा भैंस के लिए डेढ़ किलोग्राम मात्रा प्रतिदिन l दुधारू पशुओं के लिए - यदि गाय हैं तो 2.5 लीटर दूध के पीछे 1 किलो दाना एवं भैंस है तो 2 लीटर दूध के पीछे 1 किलो दाना देना चाहिए l गाभिन गाय एवं भैंस के लिए यह दाना 6 महीने के ऊपर की गाभिन गाय या भैंस के लिए डेढ़ किलोग्राम प्रतिदिन देना चाहिए l उन्होंने बताया कि यदि यह संतुलित आहार पशुपालक अपने पशुओं को देंगे तो गाय एवम भैंस अधिक समय तक दूध देते रहेंगे l पशुओं को स्वास्थ्य ठीक रहेगा l उन्होंने बताया कि पशुओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है l बीमारियों से बचने की क्षमता प्रदान करता है l और दूध और घी में बढ़ोतरी होती है l पशु ब्यांत का अंतराल काम होता है l वहीं केंद्र की वैज्ञानिक डॉक्टर निमिषा अवस्थी ने किसानों को बताया कि दूध एवं दूध से निर्मित उत्पाद के साथ संतुलित भोजन दैनिक जीवन में अपनाए तो उनका स्वास्थ्य हमेशा ठीक रहेगा, प्रसार वैज्ञानिक डॉक्टर राजेश राय ने किसानों को बताया कि दूध से निर्मित उत्पाद की मांग बाजार में ज्यादा है इसलिए पशु पालक भाई अपने पशुओं को संतुलित आहार देकर उनका स्वास्थ्य सुधारे। अंत में डॉक्टर राय ने किसानों को धन्यवाद दिया |
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