गंगा किनारे बनेगा 11.5 किमी लंबा रिवरफ्रंट, इनर रिंग रोड से भी जोड़ने की तैयारी
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। वीआईपी रोड के समानांतर गंगा के किनारे रिवरफ्रंट परियोजना का खाका तैयार किया गया। इसे इनर रिंग रोड से भी जोड़े जाने की योजना है। परियोजना को पटना में गंगा किनारे बनाए गए रिवरफ्रंट की तर्ज पर अमलीजामा पहनाने की तैयारी है। अधिकारियों और विशेषज्ञों की एक टीम ने पटना जाकर वहां बने रिवरफ्रंट का अध्ययन किया है।
शुक्लागंज के नए पुल से गंगा बैराज के पास अटलघाट तक रिवरफ्रंट बनाने की योजना है। इसकी कुल लंबाई करीब 11.5 किमी है। टीम के अध्ययन में यह बात सामने आई है कि पटना और कानपुर के गंगा किनारे की स्थिति लगभग एक समान है। ऐसे में वहां के मॉडल को यहां पर धरातल पर उतारा जा सकता है। पटना गई टीम को बिहार सड़क पथ विकास निगम के महाप्रबंधक अरुण कुमार ने बताया कि पटना में गंगा किनारे 20 किमी लंबा गंगा पथ परियोजना का निर्माण किया गया है। टीम को पूरा सहयोग देने की बात उन्होंने कही है। कानपुर मंडल स्तर पर बनी विकास योजना समिति के समन्वयक नीरज श्रीवास्तव के बताया कि वीआईपी रोड पर यातायात का दबाव काफी है। सर्वे से भी यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि वीआईपी रोड पर समानांतर सड़क निर्माण के लिए जगह नहीं है। ऐसे में रिवरफ्रंट सबसे उपयुक्त समाधान होगा।
उन्होंने बताया कि पटना भ्रमण से पूर्व कानपुर के लिए प्रस्तावित स्थल शुक्लागंज सेतु से अटल घाट तक का बोट से भ्रमण कर संभावनाओं को भी देखा जा चुका है। पटना में जो टीम गई थी, उसमें सेतु निगम के अभियंता अनिल कुमार, सिंचाई विभाग के मुख्य परियोजना प्रबंधक बीके सेन, अधीक्षण अभियंता केपी पांडेय व केडीए के अधिकारी थे।
रिवरफ्रंट योजना का प्रस्ताव 12 साल पहले वर्ष 2013 में बना था। इसका अध्ययन आईआईटी कानपुर ने किया था। वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष के महानगर भ्रमण के दौरान तत्कालीन आयुक्त शालिनी प्रसाद, उपाध्यक्ष केडीए जयश्री भोज व समन्वयक नीरज श्रीवास्तव ने प्रोजेक्ट का प्रस्तुतीकरण दिया था। इसके बाद में इसे वर्ल्ड बैंक से वित्तीय सहायता के लिए राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण के पास भेजा गया। इसी बीच नमामि गंगे विभाग के गठन के बाद परिवर्तित प्रक्रिया में यह परियोजना शुरू नहीं हो पाई। अब फिर से इस पर काम तेजी से बढ़ाया गया है।