माघी पूर्णिमा पर गंगा में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी।
हिंदुस्तान न्यूज़उछं घाटों पर भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली। सुबह से ही कानपुर के अलावा आसपास के जिलों के लोगों का आना शुरू हो गया था। गंगा में डुबकी लगाने के बाद भक्तों ने घाट पर ही दान पुण्य किया। किसी ने भंडारे का आयोजन कराया तो किसी मे पंडितों को दान देकर आशीर्वाद लिया।
माघ पूर्णिमा पर भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष मान्यता है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक हर माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा- अर्चना और व्रत का प्रवधान है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। इनमें से माघ मास की पूर्णिमा सबसे खास मानी गई है। मान्यता है कि आज के दिन दोनों भगवान की पूजा करने से साधक को सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। घर की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है।माघी पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दान करने का भी बड़ा महत्व हैं। इसके चलते कानपुर के बिठूर ब्रह्मावर्त घाट, अटल घाट, भैरव घाट, सरसैया घाट, भगवत दास घाट, मौनी घाट, जाजमऊ घाट में भक्तों का सुबह पांच बजे से ही आना शुरू हो गया था। ब्रह्म मुहूर्त में लोगों ने गंगा स्नान किया। कानपुर अलावा उन्नाव, लखनऊ, घाटमपुर, हमीरपुर, इटावा शुक्लागंज, औरैया आदि जिलों के लोग भी गंगा स्नान करने के लिए आए।
माघ पूर्णिमा के दिन लोगों ने ब्रह्म मुहूर्त में उठने के बाद पहले स्नान किया फिर अपने दिन की शुरुआत भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के साथ की। स्नान करने के बाद लोगों ने साफ वस्त्र धारण किए और व्रत रखा। इसके बाद सूर्य देव को जल में काले तिल और कुमकुम मिलाकर अर्घ्य अर्पित किया।