रोड शो में गिले शिकवे मिटाकर दिल मिला गये अखिलेश भइया
-कन्नौज जिले की रसूलाबाद विधानसभा क्षेत्र से बेला होते हुये उमर्दा और उसके बाद तिर्वा तक जनमानस ने अखिलेश यादव को लिया हांतो हांथ
-दो पहिया,चौपहिया वाहनों के काफिले में सवार सपा नेता, समर्थक, कार्यकर्ता अखिलेश की दिखे हौसला अफजाई करते हुये
-जिधर से गुजरा अखिलेश के चुनावी रथ का काफिला,उधर उमड़ पड़ा महिलाओं,बच्चो,और ग्रामीणों का काफिला
-जगह-जगह अपने रथ को रोककर अखिलेश ने रूठे लोगों को मनाया,मिटाये गये गिले शिकवे
-दर्जनों स्थानों पर स्वागत से अभिभूत दिखे अखिलेश यादव
-जनसभाओं में भीड़ का अभिवादन करने और अपने साथ आमंत्रण देकर चुनाव में सहयोग मांगना नहीं भूले अखिलेश
-चुनावी सभाओं में बीजेपी पर हमलावर रहे अखिलेश, जनमानस से बोले,अभी भी नहीं पहचाना,तो झूठी सरकार के मंसूबों को पहचानें और धोखे से बचें
प्रिंस श्रीवास्तव के साथ संदीप शर्मा
हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस कन्नौज संवाददाता।12 साल के लंबे समय बाद चुनावी सीजन में अखिलेश को अपने बीच आया देख गांव, कस्बों की सड़कों से लेकर खेते खलियान में मौजूद जनमानस के चेहरे पर एक अजब सी खुशी की लहर साफ नजर आ रही थी।आखिर आती भी क्यूं ना,अखिलेश जो 12 साल के एक लंबे अंतराल के बाद चुनावी मैदान में खुद के प्रत्याशी होने पर बोट का सहयोग मांगने के लिये जो आये थे।साल 2009 में लोकसभा चुनाव जीतने और जीत की हैट्रिक लगाने के बाद अखिलेश कन्नौज को पत्नी डिंपल के हवाले और उसके बाद अपनी पार्टी के लोगों के हवाले कर गये थे।साल 2012 में उपचुनाव में डिंपल को जीत मिली,वहीं सपा का गढ़ कहे जाने वाले कन्नौज में डिंपल को एक बार फिर साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कन्नौज लोकसभा की जनता ने अपना प्यार दिया, और अपना सांसद चुना।साल 2019 के चुनाव में कन्नौज की जनता ने अचानक अपना मान बदला और मोदी लहर को देखते हुये कन्नौज में भगवा फहरा दिया।जिसमें जनता ने अपना नए सांसद सुब्रत पाठक को चुना।
यहां से शुरू हुआ सपा का गढ़ खिसकने का सिलसिला।अपने गढ़ को प्रभावित होते देख आखिर कई बार मंथन के बाद साल 2024 के चुनाव में अचानक अखिलेश ने अपना खोया हुआ जनाधार वापस पाने को एक बार फिर कन्नौज से लड़ने का मन बनाया।चौथे चरण के नामांकन के अंतिम दिन बीती 25 अप्रैल को कन्नौज लोकसभा से अपना नामांकन कर चुनाव मैदान में अपनी ताल ठोक दी।बीते समय में जिले के कुछ पार्टी नेताओं,पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं से ज्यादा जनता में नाराज हुये व्यापारियों,और जनमानस को अपनी ओर करने और गिले शिकवे मिटाने को एक बार फिर अखिलेश सबसे जादा सक्रिय दिखे।शनिवार को अपने चुनावी कार्यक्रम को लेकर बेला से लेकर उमर्दा में हुई जनसभाओं और उसके उपरांत बेला औरैया मार्ग पर स्थित उमर्दा से तिर्वा तक आयोजित विशाल और ऐतिहासिक रोड शो में अखिलेश जहां नाराज लोगो से गिले शिकवे मिटाते और दिल से दिल मिलाते हुये नजर आये।वहीं एक बार फिर अपना और परती का खोया हुआ जनाधार पाने को कन्नौज की जनता से वोट का सहयोग मांगते नजर आये।देखने वाला माजरा तो यह रहा कि जिधर से अखिलेश का कारवां गुजरता और सहयोग की अपील जनता से करता,उधर ही जनमानस अखिलेश को एक बार फिर अपने बीच आया हुआ पाकर खुश नजर आया।अखिलेश को करीब से देखने की ललक लोगों जिनमें खेत पर काम कर रही महिलाओं और पुरुषों का हुजूम शामिल था,साफ नजर आ रहा था।अपने वक्तव्यों में जनता का अभिवादन स्वीकार करते हुये और नाराज लोगों के दिलो से दिल मिलाते हुये,गिले शिकवे मिटाते हुये अपने लिये बोट देकर चुनाव में जीत की अपील करते नजर आ रहे अखिलेश मानों जनता से अपना खोया हुआ गढ़ वापस मांग रहे थे।जनमानस से भी जनसभाओं और रोड शो में अखिलेश को जनता का मिलता आशीर्वाद साफ नजर आ रहा था।अखिलेश अपनी सभाओं और रोड शो में जनता को यही संदेश देते मानों आज बढ़ते चले जा रहे थे,कि कन्नौज के लोग जो गलती हुई उसको माफ करके उनकी जीत में अपना योगदान दें।चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद एक नया बदलाव,देखने को मिलेगा ऐसा वादा भी सपा सुप्रीमों जनमानस से करते हुये नजर आ रहे थे।सभाओं और रोड शो में बीजेपी पर भी निशाना साधने से अखिलेश नहीं चूक रहे थे।उनका जनमानस को यही संदेश था,कि अब चूके तो बीजेपी सब कुछ तबाह और बर्बाद कर देगी।चुनाव जीतने के बाद जो बिकास रुक गया था उसको तेजी से और आगे कराया जाएगा।इसके अलावा किसानों के कर्ज माफी से लेकर,युवाओं को नौकरियां, आदि तमाम वादे करते हुये अखिलेश जनता का आशीर्वाद ले आगे बढ़ रहे थे।लोकसभा चुनाव के एलान के बाद पहली बार रोड़ शो करते हुये अखिलेश जनसभा भी चुनावी रथ पर सवार होकर करते हुये नजर आ रहे थे।अखिलेश के रथ के आगे घोड़े पर सवार एक युवक सपा का झंडा लेकर आगे बढ़ता हुआ नजर आ रहा था।रसूलाबाद से कन्नौज के तिर्वा तक करीब 40 किलोमीटर की दूरी तय करते हुये आगे बढ़ रहे अखिलेश सायं तिर्वा पहुंच रहे हैं।
अखिलेश के रथ पर एक बच्चा भी बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की तरह हांथ में किताब लिये हुये नजर आ रहा था।बच्चे को धन्यवाद देते हुये अखिलेश मानों यही संदेश जनता को देते हुये साफ नजर आ रहे थे कि संविधान की बचाने के लिये यह बच्चा मेरे साथ खड़ा है।रोड़ शो के दौरान एक बच्ची ने अखिलेश का तिलक किया तो, अखिलेश बच्ची को अपना आशीर्वाद देना नहीं भूले।भाजपा सरकार को तानाशाह बताते हुये अखिलेश ने कहा कि, ये सरकार ना तो जानवरों को सुरक्षा दे पा रही है और ना ही पक्षियों को।एक सारस तक को बंद करके पिंजड़े में डाल दिया।नफरत करने वाली बीजेपी सरकार आने वाले समय में अपनों को भी बैंड कर देगी।बोल बीजेपी वाले हमारे अधिकार खत्म कर रही है और आने वाले समय में संविधान को भी खत्म कर देगी।यह चुनाव संविधान को बचाने का भी है।भ्रष्टाचार के गोदाम खोल चुकी बीजेपी का बैंड इलेक्ट्रॉल बांड ने बजा दिया है।चंदे के नाम पर वसूली करने में लगी बीजेपी के कारण ही महंगाई चरम पर है।आगे बढ़ता हुआ अखिलेश का यह काफिला उमर्दा के बढ़नपुर पट्टी मोड़ पर पहुंचा तो स्वागत और पुष्प वर्षा का भी सिलसिला समर्थकों द्वारा शुरू हो गया।उमर्दा चौराहे, गसीमपुर की पुलिया,लिलुइया,बलनपुर,बिधई पुर्वा,अहेर में भी अखिलेश का स्वागत किया गया।तिर्वा नगर की सीमा में पहुंचा तो यहां भी अखिलेश ने जनमानस का अभिवादन करते हुये अपने लिये सहयोग मांगा।तिर्वा नगर में राजू फर्नीचर, केंद्रीय चुनाव कार्यालय,किसान इंटर कॉलेज,पुराना सपा कार्यालय,गांधी चौराहा,रोडवेज बस स्टैंड,क्रांति चौराहा,कुक्कू चौहान कांप्लेक्स,मुन्ना होटल, ठठिया चौराहा,डीएन इंटर कॉलेज मोड़,अम्मा रेस्टोरेंट, मेडिकल कॉलेज गेट सखौली मोड़,सहित अन्य कई जगहों परअखिलेश के रोड शो का स्वागत किया गया।अपने लिये चुनाव की जीत का आशीर्वाद मांग रहे अखिलेश को लोगों ने हाथों हांथ लिया।और आगामी चुनाव में जीत का आशीर्वाद भी दिया।रोड शो का यह काफिला देखते ही देखते कन्नौज की ओर आगे बढ़ गया।रोड शो के दौरान हजारों की भीड़ जगह जगह सड़कों पर नजर आ रही थी।
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