नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार ली प्रधानमंत्री पद की शपथ
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस नई दिल्ली।रविवार 9 जून को नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। 2014 में 26 मई को नरेंद्र मोदी ने पहली और 30 मई 2019 को दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। बता दें कि नरेंद्र मोदी आजादी के बाद जन्म लेने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं। इसी के साथ लगातार 10 साल बहुमत के साथ केंद्र में गैर-कांग्रेसी सरकार चलाने वाले मोदी इकलौते नेता हैं।
लगातार तीसरी बार ली शपथ
रोचक तथ्य यह है कि 1962 के बाद पहली बार कोई सरकार अपने दो कार्यकाल पूरे करने के बाद तीसरी बार सत्ता में आई है। इसी के साथ नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले नेताओं की सूची में शामिल हो चुके हैं। PM मोदी से पहले पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1952, 1957 और 1962 में लगातार तीन बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। इंदिरा गांधी ने 1966 में पहली, 1967 में दूसरी और 1971 में तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। अटल बिहारी वाजपेयी ने भी लगातार तीन बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। सबसे पहले 1966, 1998 और इसके बाद 1999 में प्रधानमंत्री बने थे। हालांकि, पांच साल का कार्यकाल उन्होंने एक ही बार पूरा किया।
चाय की दुकान से PM की कुर्सी तक
नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ। चाय की दुकान से शुरू हुआ उनका सफर देश के 14वें प्रधानमंत्री तक पहुंचा। दामोदरदास मूलचंद मोदी और हीराबेन मोदी के घर जन्मे नरेंद्र मोदी की स्कूली शिक्षा दीक्षा वडनगर में हुई। वडनगर रेलवे स्टेशन पर उनके पिता चाय की दुकान चलाते थे। जहां अक्सर मोदी अपने पिता की मदद करते थे। मोदी ने 1978 में दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से राजनीति विज्ञान में स्नातक (BA) और 1983 में गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एमए की डिग्री प्राप्त की।
अचानक सीएम और 14 साल बाद बने पीएम
नरेंद्र मोदी ने 1972 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ज्वाइन की थी। इसके बाद 1987 में पहली बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) का हिस्सा बने। केशुभाई पटेल के इस्तीफे के बाद 7 अक्टूबर 2001 को पहली बार मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। 2014 तक इस पद पर रहे। 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी ने पहली और 30 मई 2019 को दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। तीसरे कार्यकाल के तहत मोदी ने 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य रखा है।