धूमधाम से निकली भगवान श्री कृष्ण के अवतार स्वामी जगन्नाथ जी की सवारी |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | हर वर्ष की भांति परंपरागत भगवान श्री कृष्ण के अवतार जगन्नाथ जी की रथयात्रा जनरल गंज स्थित मंदिर से विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना महाआरती कर पुरोहित ने शहर भ्रमण के लिए निकलवायी | जिसमें शहर के विभिन्न मण्डलों के जरिए अपने अपने रथ गाजे बाजे के साथ शामिल हुए यह रथयात्रा जनरल गंज से होते हुए नया गंज , मारवाड़ी इण्टर कालेज सर्राफा बाजार केनाल रोड,हूला गंज, भूषाटोली,तिलयाना रोड जहां पर जगह जगह भक्तों ने जगन्नाथ जी की आरती और प्रसाद ग्रहण किया | वहीं तमाम भक्तों ने स्टाॅल आदि लगा कर भक्तों को खाने पीने की चीजें वितरित की बताते चलें कि श्रीकृष्ण के अवतार जगन्नाथजी की रथयात्रा में शामिल होने का पुण्य सौ यज्ञों के बराबर माना जाता है। सागर तट पर बसे पुरी शहर में होने वाली जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव के समय आस्था का जो भव्य उत्सव देखने को मिलता है, वह और कहीं दुर्लभ है। इस रथयात्रा के दौरान भक्तों को सीधे प्रतिमाओं तक पहुंचने का सुनहरा अवसर प्राप्त होता है।भगवान जगन्नाथ रथयात्रा भारत में मनाए जाने वाले धार्मिक महामहोत्सवों में सबसे प्रमुख और धार्मिक दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। यह रथयात्रा न केवल भारत में बल्कि विदेश में भी उन स्थानों पर आयोजित होती है जहां पर भारतीयों की आबादी रहती है। भारत में आयोजित होने वाली रथ यात्रा को देखने हर साल विदेश से हजारों पर्यटक आते हैं। भगवान श्रीकृष्ण के अवतार जगन्नाथजी की रथयात्रा में शामिल होने का पुण्य सौ यज्ञों के बराबर माना जाता है। सागर तट पर बसे पुरी शहर में होने वाली जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव के समय आस्था का जो भव्य उत्सव देखने को मिलता है, वह और कहीं दुर्लभ है। इस रथयात्रा के दौरान भक्तों को सीधे प्रतिमाओं तक पहुंचने का सुनहरा अवसर प्राप्त होता है। जगन्नाथ रथयात्रा दस दिवसीय महोत्सव होता है। यात्रा की तैयारी अक्षय तृतीया के दिन श्रीकृष्ण, बलराम और सुभद्रा के रथों के निर्माण के साथ ही शुरू हो जाती है। भारत के चार पवित्र धामों में से एक पुरी के 800 वर्ष पुराने मुख्य मंदिर में योगेश्वर श्रीकृष्ण जगन्नाथ के रूप में विराजते हैं। साथ ही यहां बलभद्र एवं सुभद्रा भी हैं।
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