छाऊ नाट्य कला पर आधारित विद्यालय में महिषासुर मर्दिनी पर अद्भुत प्रस्तुति
-सुप्रभाष अकादमी ने किया गया एक अद्वितीय नाट्य प्रस्तुति का आयोजन
कन्नौज ब्यूरो पवन श्रीवास्तव के साथ आलोक प्रजापति
हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस कन्नौज संवाददाता।छात्रों की सांस्कृतिक और शैक्षणिक क्षमता के सर्वांगीण विकास के लिए सुप्रभाष अकादमी ने एक अद्वितीय नाट्य प्रस्तुति का आयोजन किया। छाऊ नाट्य कला पर आधारित ‘महिषासुर मर्दिनी‘‘ नाटक प्रस्तुत किया गया। इस अद्भुत और प्रेरणादायक कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को छात्रों के माध्यम से जीवंत करना था। छाऊ नृत्य भारत की प्राचीन नाट्य शैलियों में से एक है। छाऊ नाट्य कला शैली उड़ीसा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के क्षेत्र में विकसित हुई है। यह नृत्य शारीरिक निपुणता, भाव-भंगिमाओं और मुखौटों के माध्यम से कथानक को प्रस्तुत करता है। छाऊ नृत्य की प्रमुख विशेषता इसकी युद्ध कौशल और शारीरिक लचीलेपन पर आधारित मुद्रा है, जो इसे अन्य नृत्य शैलियों से अलग बनाती है। इसका प्रदर्शन किसी कथा या पौराणिक प्रसंग पर आधारित होता है और इसे मुखौटे पहनकर किया जाता है जो चरित्र की भावनाओं को गहराई से प्रस्तुत करता है।विश्वविख्यात छाऊ कलाकार श्री तारापाद रजक तथा ग्रुप के द्वारा स्पिक मैके के तत्वावधान में कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण छाऊ नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत ‘महिषासुर मर्दिनी’ नाटक था,जो दुर्गा माता की महिषासुर पर विजय की पौराणिक कथा पर आधारित है। इसके पश्चात् कलाकारों ने अपनी अद्वितीय प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।विद्यालय की चेयरमैन विभा सक्सैना,प्रबंधक हिमांशु सक्सैना,डायरेक्टर डा. आत्माराम शर्मा,कोआर्डिनेटर संदीप प्रताप वर्मा, विद्यालय के सभी शिक्षक/शिक्षिकाएं, अभिभावक, विद्यालय के कर्मचारी और अतिथि उपस्थित रहे।