सत्संग वह मानसरोवर जहां पर ज्ञानरुपी मोती |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | मानव उत्थान सेवा समिति के तत्वाधान में श्री हंस जयंती के अवसर पर आयोजित सत्संग समारोह के हंस मंदिर आश्रम में श्री सतपाल जी महाराज की शिष्या साध्वी मुदिता बाई जी, साध्वी दुर्गा बाई जी नीलम बाई अपने सत्संग विचार रखे अंत में आश्रम प्रभारी साध्वी चंदन बाई ने कहा कि सत्संग वह मान सरोवर है जहां पर ज्ञान रूपी मोती प्राप्त होता है। साधक को मुक्ति दिलाने का रास्ता बताता है। जिससे मानव अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ने लगता है। सत्संग सब मंगलो का का मूल है भगवान की जब कृपा होती है तब मनुष्य को सत्संग और संतों का संग प्राप्त होता है तब भक्ति मजबूत होती है। सत्संग से ही मानव जीवन जीने का तरीका पता चलता है विवेक जागृत होता है और विवेक जागृत होने पर भगवान के प्रति प्रेम बढ़ता है और प्रेम से प्रभु की प्राप्ति होती है। मानव के करोड़ों करोड़ों जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं मानव का मन विशुद्ध होता हैं। अंत में भंडारे का आयोजन किया गया
कार्यक्रम में मुख्य रूप से शैलेंद्र पाल, गिरधारी लाल गुप्ता, राम पाल यादव, हरीकरन सिंह, माया दीक्षित, संजना वर्मा, मिथलेश सोनी, अमित यादव,शालनी शुक्ला,आदि भक्तों का विशेष योगदान रहा।