प्लेटलेट्स और प्लाज्मा के लिए कानपुर की नहीं लगानी होगी दौड़
-जिला अस्पताल में ब्लड सेपरेटर यूनिट से अलग किए जाने लगे कंपोनेंट
कन्नौज ब्यूरो पवन श्रीवास्तव के साथ प्रिंस श्रीवास्तव
हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस कन्नौज संवाददाता।हर साल डेंगू संक्रमण के समय कन्नौज के मरीजों को प्लाज्मा और प्लेटलेट्स के लिए कानपुर व लखनऊ की दौड़ लगानी पड़ती थी।मरीजों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए हिन्दुस्तान न्यूज एक्सप्रेस लगातार समाचार प्रकाशित करता रहा।हिन्दुस्तान न्यूज एक्सप्रेस की मुहिम रंग लाई और एक सितंबर को यूनिट को लाइसेंस जारी कर दिया गया।अब सेपरेटर यूनिट में ब्लड से कंपोनेंट को अलग करने का काम भी शुरू हो गया है।कन्नौज में हर साल डेंगू का कहर बरपता है।डेंगू से पीड़ित मरीजों को प्लाज्मा और प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ती है।इसके लिए जिले के लिए मरीजों को कानपुर और लखनऊ की दौड़ लगानी पड़ती थी।जिला अस्पताल में ब्लड सेपरेटर यूनिट तो पिछले साल ही लग गई थी,लेकिन कहीं न कहीं सिस्टम की लापरवाही के चलते यूनिट का संचालन नहीं हो पा रहा था।मरीजों की समस्या को देखते हुए लगातार हिन्दुस्तान न्यूज एक्सप्रेस समाचार प्रकाशित कर रहा था।इसको देखते हुए एक सितंबर को ब्लड सेपरेटर यूनिट का लाइसेंस जारी किया गया और अब यूनिट का संचालन भी शुरू हो गया है। इसके बाद जिले के लोगों को दूसरे जिले में दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक के लैब टेक्नीशियन सुशील कुमार और शिव ओम सिंह ने जिला अस्पताल पहुंचकर कर्मियों के साथ जानकारी साझा की।उन्होंने सीएमएस डॉ.शक्ति बसु,ब्लड बैंक प्रभारी सुनील पाठक की देखरेख में मशीनों का संचालन शुरू किया।दोनों टेक्नीशियन ने चार यूनिट ब्लड से प्लाज्मा,प्लेटलेट्स और पीआरबीसी को अलग किया। साथ ही उन्होंने ब्लड बैंक कर्मियों को कंपोनेंट के रखरखाव और तापमान संबंधी जानकारियां दीं।
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बोले जिम्मेदार
ब्लड से परेशन यूनिट प्रभारी डा.विभांशु चतुर्वेदी ने बताया कि जिला अस्पताल में ब्लड सेपरेटर यूनिट ने काम शुरू कर दिया है। अब यहां के मरीजों को प्लाज्मा या प्लेटलेट्स के लिए बड़े शहरों में दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।यह जिले के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।