अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आईएमए चिकित्सकों ने सामुहिक किया अनशन
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | आई. एम. ए. हेडक्वाटर द्वारा दिये गये दिशा निर्देष के अनुपालन में आई.एम. ए. कानपुर शाखा के द्वारा, 'सुबह छः बजे से शाम छः बजे तक सामुहिक अनशन का आयोजन, आई एम ए कानपुर शाखा परेड में किया गया। आपको ज्ञात होगा कोलकाता के यंग डॉक्टर्स द्वारा अपनी वैधानिक मांगों के पक्ष में पिछले दस दिनों से जो आमरण अनशन किया जा रहा है, जिसमें तीन युवा डॉक्टर को तबियत गम्भीर होने पर अस्पताल में भर्ती किया गया है। आई एम ए कानपुर शाखा की अध्यक्ष डॉ नंदिनी रस्तोगी ने बताया कि उन्ही के पक्ष में एकजुटता दिखाते हुये आई. एम. ए. कानपुर शाखा के डाक्टरों द्वारा भी अपने अपने स्थान पर और स्थानिय क्रार्यलय में भी सुबह छः बजे से शाम छः बजे तक सामुहिक अनशन पर रहेंगे तथा हमारी ये माँग है कि,इन 10 सूत्री मांगों में शामिल हैं उचित जांच के माध्यम से अभया के लिए शीघ्र और पारदर्शी तरीके से न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय को स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रशासनिक अक्षमता और भ्रष्टाचार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और स्वास्थ्य सचिव को तुरंत उनके पद से हटाना चाहिए। राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में तुरंत एक केंद्रीय रेफरल सिस्टम लागू किया जाना चाहिए। प्रत्येक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को एक डिजिटल बेड रिक्ति मॉनिटर स्थापित करना चाहिए। जितनी जल्दी हो सके, सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में जूनियर डॉक्टरों के निर्वाचित प्रतिनिधित्व के साथ कॉलेज-आधारित टास्क फोर्स का गठन किया जाना चाहिए, जिसमें सीसीटीवी, ऑन-कॉल रूम, बाथरूम, हेल्पलाइन नंबर और आवश्यकतानुसार पैनिक बटन की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए। अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए। नागरिक स्वयंसेवकों के बजाय स्थायी पुरुष और महिला पुलिस कर्मियों की नियुक्ति की जानी चाहिए। अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों के रिक्त पदों को तुरंत भरा जाना चाहिए। धमकी देने वाले गिरोहों में शामिल लोगों को दंडित करने के लिए प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में जांच समितियां गठित की जानी चाहिए। राज्य स्तर पर भी जांच समिति गठित की जानी चाहिए। प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में छात्र संघ चुनाव तत्काल कराए जाने चाहिए। सभी कॉलेजों को आरडीए (रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन) को मान्यता देनी चाहिए। कॉलेजों/अस्पतालों की सभी निर्णय लेने वाली समितियों में छात्रों और जूनियर डॉक्टरों का निर्वाचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाना चाहिए। डब्ल्यूबीएमसी (पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल) और डब्ल्यूबीएचआरबी (पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य भर्ती बोर्ड) के भीतर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के व्यापक आरोपों के संबंध में त्वरित जांच प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए। आमरण अनशन पर बैठे कोलकाता के डाक्टरों की सभी माँग बिना शर्त सरकार द्वारा पूरी की जाए। कार्यक्रम का संचालन डॉ कुनाल सहाय सचिव आईएमए कानपुर ने किया तथा इस कार्यक्रम के कॉर्डिनेटर डॉ विकास मिश्रा सचिव 2024-25 थे। इस अवसर पर डॉ नन्दिनी रस्तोगी, अध्यक्ष, डॉ कुणाल सहाय सचिव डॉ विकास मिश्रा, सचिव 2024-25 & प्रोग्राम कोर्डिनेटर, डॉ देवज्योति देवराय, डॉ अनुराग मेहरोत्रा, डॉ नवतेज शर्मा डॉ एन डी शर्मा डॉ वृजेन्द्र शुक्ला डॉ आशीष कुमार साह, डॉ क्षमा शुक्ला, डॉ अमित सिंह गौर, आदि लोग उपस्थित रहे।
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