मूत्राशय में फैले ट्यूमर को निकाल कर डाक्टरों ने मरीज को दी नई जिन्दगी
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने एक जटिल सर्जरी कर 28 वर्षीय मरीज को नई जिंदगी दी। मरीज का पूरा मूत्राशय हटाकर एक नया मूत्राशय (नियोब्लैडर) बनाया गया। उनके मूत्राशय में 15×15 सेमी का बड़ा ट्यूमर था, जो दोनों मूत्रवाहिनियों (यूरेटर्स) को बाधित कर रहा था। लेकिन डाक्टरो ने इस चुनौती भरे जटि ऑपरेशन को कर मरीज को नया जीवन दिया।
कालेज प्राचार्य प्रो. डॉ संजय काला ने बताया कि मरीज़ को पेशाब में कठिनाई, पतली धार और खून आने की समस्या थी। पहले उनका इलाज एक निजी अस्पताल में हुआ, जहां उन्हें मूत्राशय में बड़े ट्यूमर का पता चला। इसके बाद दोनों गुर्दों में परक्यूटेनियस नेफ्रोस्टॉमी ट्यूब लगाई गई और कीमोथेरेपी दी गई। लेकिन जब मरीज को आराम नही मिला तो हैलट अस्पताल में यूरोलॉजी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अनिल जे. बैद्य से संपर्क किया। उन्होंने मरीज की जांच करवायी जो पता उचला कि मरीज के 15×15 सेमी का ट्यूमर पूरे मूत्राशय में फैला हुआ है और दोनों मूत्रवाहिनियों को बाधित कर रहा था। इसे हटाने के लिए जटिल सर्जरी की आवश्यकता थी। सोमवार को प्राचार्य डॉ. संजय काला के नेतृत्व में एक टीम ने सफलतापूर्वक दूरबीनविधि ऑपरेशन द्वारा मूत्राशय एवं ग़दूद निकाल कर लिम्फ नोड डिसेक्शन करने के उपरांत चीरे द्वारा ट्यूमर निकाला गया एवं मरीज़ की छोटी आंत के छोटे से भाग से नया मूत्राशय बनाया (पिचर्स पॉट विधि)। टीम में डॉ. अनिल जे. बैद (सहायक प्रोफेसर, यूरोलॉजी), डॉ. अभिषेक गोंड (एसोसिएट प्रोफेसर, जनरल सर्जरी) और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों में डॉ. मोहम्मद साकिब अली, डॉ. पवनी वात्सल, डॉ. गीता और डॉ. दुर्गेश शामिल थे। इस जटिल सर्जरी में एनेस्थीसिया टीम ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसका नेतृत्व डॉ. रचना (एमडी) ने किया। वरिष्ठ रेजिडेंट्स में डॉ. मीनाक्षी, डॉ. कृष्णा और डॉ. शिखा ने सहयोग दिया। यह उपलब्धि जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की उन्नत चिकित्सा विशेषज्ञता और समर्पण को दर्शाती है। यह कॉलेज की जटिल मामलों को सफलतापूर्वक संभालने की क्षमता का प्रमाण है।