विश्व आर्थिक मंदी का शिकार, इजारेदारों की नीतियाँ जिम्मेदार: चंद्रशेखर
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर ! आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) के कानपुर जिला सम्मलेन का उद्घाटन करते हुए प्रदेश के महामंत्री का० चंद्रशेखर ने कहा कि भारत सहित बहुतेरे देश व्यापक रूप से आर्थिक मंदी के शिकार हुए है, क्योंकि उनकी नीतियां सरमाएदारोंं के इशारों पर बनी हैं। इस प्रकार की खोखली आर्थिक नीतियों से बेरोजगारों की संख्या में बाढ़ आना स्वाभाविक है।
का० चंद्रशेखर ने यह भी बताया कि किसानों को भूमिहीन करके मजदूर के रूप में विकसित हो रहे औद्योगिक शहरों की ओर बढ़ने से कानपुर नगर में पहली मिल लाल इमली की स्थापना हुई और इसके बाद औद्योगिक राजधानी या पूरब का मैनचेस्टर शहर के रूप में पहचान स्थापित हुआ। 1905 के बाद से मजदूर वर्ग की गतिविधियों में उल्लेखनीय प्रगति हुई। काम के घंटे बढ़ाए जाने के विरोध में बंबई में हड़ताल हुई तो कानपुर में सवेतन अवकाश के लिए जे. के. जूट मिल के मजदूरों ने शहादत दी। कानपुर के नुकसान के लिए भ्रष्टाचार, लचर क़ानून व्यवस्था और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के चरमरा जाने के लिए सरकार की विनाशकारी नीतियां दोषी हैं। राज्य की सीमा किसी बंदरगाह से नहीं लगती और औद्योगिक अस्थिरता के साथ-साथ राजनीतिक अनिश्चितता ने न केवल कानपुर जैसे पुराने शहरों और और अंततः राज्य को तबाह कर दिया है। एटक के प्रदेश अध्यक्ष कॉमरेड वी. के. सिंह के द्वारा दिए गए संदेशको पढ़ कर सुनाया गया कि ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), कानपुर द्वारा आयोजित जिला सम्मेलन की हार्दिक शुभकामनाएँ। सम्मेलन मजदूरों के हक और अधिकारों की रक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के हित में यह चर्चा और संघर्ष की दिशा तय करने वाला मंच होगा। आशा करता हूँ कि यह सम्मेलन श्रमिक वर्ग की एकता को और मजबूत करेगा तथा उनकी बेहतरी के लिए प्रभावी नीतियों और योजनाओं को जन्म देगा। मुख्य अतिथि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रांतीय सचिव का० अरविन्द राज स्वरुप ने कहा कि हम, असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों तथा श्रमिकों के हितों के लिए निरन्तर संघर्ष कर रहे हैं।
फर्टिलाइजर कम्पनी के संविदा मजदूरों को वेतन दिलाए जाने एवं केंद्र सरकार से कानपुर फर्टिलाइजर एंड केमिकल लिमिटेड फैक्ट्री को सब्सिडी न मिलने से उत्पादन ठप्प हो जाने और 500 मजदूरों को बाहर का रास्ता दिखाते हुए प्रबंधन द्वारा एकाएक गेट पर बंदी की घोषणा के खिलाफ एटक ने अवैध बंदी का तत्काल विरोध करते हुए श्रम विभाग में विरोध प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री को पत्र भेज कर फैक्ट्री की अनुचित बंदी पर दखल देने की गुजारिश की थी। एटक की सक्रियता से कंपनी में पुनः उत्पादन शुरू हुआ और बेरोजगारों को रोजगार मिलने के साथ कानपुर के निजी क्षेत्र के बड़े उद्योग को बंद होने से बचा लिया है।
सम्मेलन में अतिथियों को अंगवस्त्र पहना कर स्वागत किया गया। सम्मलेन का संचालन असित कुमार सिंह ने किया, और विभिन्न श्रम महासंघों के राजीव खरे, उमेश शुक्ला,एस ए एम ज़ैदी, मीनाक्षी सिंह,राजीव पराशर, जी पी पाल ने मज़दूर एकता को मज़बूत करने के लिए शुभकामनायें दी। सम्मेलन में असित कुमार सिंह अध्यक्ष,गौरव दीक्षित महामंत्री, ओमप्रकाश आनंद कोषाध्यक्ष तथा रामप्रसाद कनौजिया, आर पी श्रीवास्तव, राजीव पराशर तथा अरविंद मौर्य उपाध्यक्ष, पवन शुक्ला, अंजली शर्मा, नूर आलम, शुभम शुक्ला तथा 40 काउंसिल सदस्य चुने गए।
सम्मेलन में आर पी कनौजिया, गौरव दीक्षित, शुभम शुक्ला, अंजली शर्मा, नरेश राजपूत, अनिल गुप्ता, मनोज कश्यप, शैलेंद्र शर्मा, नितिन, विक्रम, राहुल, निर्मल शर्मा, खुशाल सिंह, अंकुर अवस्थी, नूर आलम, अर्चना बाजपेयी, रंजना मिश्रा, मेराज, अजय कुमार, ओमप्रकाश आनंद, मनीष कश्यप, आशीष शर्मा, पवन शुक्ला, सुनील सिंह, नीरज यादव, आर पी श्रीवास्तव, ओमप्रकाश रावत, इकराम अजय यादव, अक्षय सिंह आदि शामिल रहे।