विद्यार्थी शाखा का निरीक्षण करने पहुंचे संघ प्रमुख ने बच्चों को दी नसीहत
U- स्वयंसेवकों ने 'देश की सुरक्षा कौन करेगा, हम करेंगे' के लगाए नारे
U-गांव-गांव पहुंचेगा संघ, लोगों को जोड़ेगा, 21 जिलों के जिला समरसता प्रमुख मौजूद रहे
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। पाँच दिवसीय ध्रवास के दूसरे दिन मंगलवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के शाम को राम जानकी मंदिर पार्क में विद्यार्थी शाखा का निरीक्षण किया। वहां पर 170 लोगों के साथ शाखा में शामिल हुए। इस दौरान संघ के कार्यकर्ताओं ने देश की सुरक्षा कौन करेगा हम करेंगे, भारत माता की जय के लगाए जा रहे नारे भी लगाए।
इससे पहले दिन में आरएसएस प्रमुख ने संघ की छह गतिविधियों में से एक गतिविधि सामाजिक समरसता के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। प्रांत के सामाजिक समरसता प्रमुख रवि शंकर ने सामाजिक समरसता की चल रही गतिविधियों के संदर्भ में सरसंघचालक को जानकारी दी। मोहन भागवत ने पार्क में 4 अलग-अलग भागों में लगी शाखाओं को बारीकी से देखा और कसरत व अन्य खेल खेल रहे बच्चों को बुलाकर बातचीत की। मोहन भागवत इस दौरान बच्चों को नसीहत देते दिखे। विद्यार्थी शाखा के दौरान राम जानकी पार्क भारत माता की जय, जय महा काली के उद्घोष से गूंज उठा। मोहन भागवत 1 घंटे तक पार्क में रहे। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत मोहन भागवत शाम 6.15 बजे निराला नगर पहुंचे। कड़ी सुरक्षा में वह रामजानकी पार्क में लगी शाखा में गये। साधारण नीले कुर्ते और सफेद पायजामा पहने मोहन भागवत एक-एक कर पार्क के सभी चारों स्थल पर गये जहां बच्चे शाखा लगाए हुये थे। आरएसएस के झंडे के पास खड़े होकर वह बच्चों को शाखा करते देख रहे थे और बच्चों को बुलाकर नसीहत दे रहे थे। संघ प्रमुख मोहन भागवत को देखने के लिये स्थानीय लोग घरों की छतों पर खड़े दिखे। विद्यार्थी शाखा में शामिल तनमय शुक्ला ने बताया कि मोहन भागवत से पहली बार मिला। उन्होंने बताया कि सभी के प्रति अच्छा व्यवहार करें। किसी के साथ यदि गलत हो रहा है तो उसके साथ खड़ें हों। सक्षम सिंह ने कहा कि यह हमारे लिये गर्व की बात है कि वह हमारी शाखा में आये। उत्कर्ष प्रधान ने बताया कि मोहन भागवत ने बताया कि किस तरह से सेवा कर सकते हैं। कार्य को कैसे करें। गली मौहल्लों में एकाग्रता बढ़ाने के साथ ही लोगों को संघ से जोड़ने के लिये भी कहा ताकि वह राष्ट्र के लिये कुछ कर सकें। शाखा से पहले मोहन भागवत ने संघ कार्यालय में बैठक की। जिसमें उन्होंने कहा कि समरसता संघ की गतिविधि ही नहीं संघ के स्वयंसेवक का स्वभाव है 25 से 30 वर्षों से साथ में कार्य करने वाले कार्यकर्ता एक दूसरे की जाति नहीं जानते हैं। यही संघ का वैशिष्ट्य है हमें अपने कार्य और स्वभाव के माध्यम से यही मानसिकता संपूर्ण समाज की निर्माण करनी है।
मोहन भागवत ने बैठक में कहा कि समरसता संघ के स्वयंसेवक का स्वभाव होने के कारण संघ से जुड़ने वाले प्रत्येक व्यक्ति में समरसता का भाव होना स्वाभाविक हो जाता है। शताब्दी वर्ष में संघ का साहित्य लेकर संघ गांव-गांव जाने वाले हैं। हमें गांव गांव जाकर समरसता के पवित्र संदेश को देना है। बैठक में क्षेत्र प्रचारक अनिल, प्रान्त प्रचारक श्रीराम, प्रान्त संघ चालक भवानी भीख, प्रान्त प्रचार प्रमुख डॉक्टर अनुपम, क्षेत्र प्रचारक प्रमुख राजेंद्र सिंह, सह प्रान्त प्रचारक मुनीश सहित प्रान्त के 21 जिलों के जिला समरसता प्रमुख तथा विभाग समरसता प्रमुख उपस्थित रहे। कल 16 अप्रैल को पर्यावरण गतिविधि और कुटुंब प्रबोधन के कार्यकर्ताओं के साथ मोहन भागवत बैठक करेंगे।