एक बार फिर बेपटरी हुई बिजली व्यवस्था,कारोबार प्रभावित
-कन्नौज के तिर्वा नगर क्षेत्र में 10 से 14 घंटे तक हो रही बिजली कटौती
-विभागीय कर्मी बोले, होते हैं फाल्ट,सही होने के बाद बाद बहाल कर दी जाती है बिजली
कन्नौज ब्यूरो पवन श्रीवास्तव के साथ प्रिंस श्रीवास्तव
हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस कन्नौज संवाददाता।बीते सालों की तरह इस साल भी गर्मी की शुरुआत होते ही एक बार बिजली कटौती का सिलसिला शुरू हो चुका है। विभागीय कर्मियों की माने तो उनका कहना है कि फाल्ट होने के कारण बिजली प्रभावित होती है,सुधार के बाद व्यवस्था को बहाल कर दिया जाता है।बताते चलें कि बीते सालों में हर साल बिजली की किल्लत से लोगों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है।उपरोक्त समस्या पर हर साल कुछ ना कुछ नया किया जाता है,ऐसा विभागीय अधिकारियों का कहना है।उनके मुताबिक सर्दियों के सीजन में गर्मी में बिजली की बेहतर व्यवस्था हो सके, इसके लिये कई बार दो से तीन दिनों की कटौती करके बेहतर कार्य करके उपकरण स्थापित किये जाने की बात भी कही और की जाती है,विद्युत कार्य के नाम पर लाखों रुपए का मेंटिनेंस भी पास कराया जाता है,पर बीते सालों की तरह इस साल भी बिजली की जर्जर व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है।उपरोक्त समस्या से जहां कारोबारियों के अलग अलग कारोबार प्रभावित होते हैं, वहीं किसानों की फसलें। गृहस्थों की बात करें, तो गर्मी के कारण या तो इनको खुले आसमान की थोड़ी बहुत हवा का सहारा लेना पड़ता है,या अन्य संसाधनों से गर्मी का सामना करने को उपाय ढूंढने पड़ते हैं।इस बार भी बिजली कटौती का सिलसिला बीते एक अप्रैल से बदस्तूर जारी है।दिन में 4 से पांच घंटे बिजली मिल जाय,तो बड़ी बात है, दर्जनों बार फाल्ट के बाद घंटों तक बिजली गायब होना अब आम बात हो गई है।वहीं रात में भी बिजली की कटौती का सिलसिला देर शाम से शुरू होकर रात्रि 11 बजे के बाद तक चलता रहता है।बमुश्किल लोगों को 10 घंटे बिजली मिल जाय,तो बड़ी बात होगी।आखिर हर साल गर्मी के मौसम में उपरोक्त समस्या लगातार पैदा होने के बाद भी कोई कारगर कदम क्यों नहीं उठाया जाता, और अगर दावा करने वालों के अनुसार उठाया गया तो फिर बिजली कटौती का सही कारण और सच आखिर क्या है।महीने में बिजली मिले ना मिले पर हजारों का बिजली बिल भरना तो पड़ेगा ही।फिर उपरोक्त समस्या पर आखिर खामी किसकी है,दोषी कौन है, बिजली क्यों नहीं मिल पा रही है, कोई कुछ पूँछने वाला शायद नहीं।बिजली सुधार को लेकर लाखों का बजट कहां है,कितना लगा, लगा या नहीं भी।तमाम सवाल फिलहाल जांच का विषय है। पर सवाल वही,कि आखिर पूँछेगा कौन,और जवाब देगा कौन।