विश्व अस्थमा दिवस के संबंध में बोले चिकित्सक इनहेलर उपचार को बनाए सुलभ |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कानपुर शाखा द्वारा 6 मई को मनाए जाने वाले "विश्व अस्थमा दिवस" के संबंध में "सेवा मंदिर", आई.एम.ए. कार्यालय, परेड में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को आईएमए कानपुर की अध्यक्ष डॉ. नंदिनी रस्तोगी, उपाध्यक्ष डॉ. कुणाल सहाय, मानद सचिव और माइक्रोबायोलॉजी विभाग, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर के प्रोफेसर डॉ. विकास मिश्रा, आईएमए एएमएस के चेयरमैन और क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ. अनुराग मेहरोत्रा एवं अतिथि और विशेषज्ञ: डॉ. सुधीर चौधरी, पूर्व विभागाध्यक्ष, पल्मोनरी मेडिसिन विभाग, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर, डॉ. एके सिंह, वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट और क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ, रीजेंसी अस्पताल, कानपुर और डॉ. अवधेश कुमार, विभागाध्यक्ष, पल्मोनरी मेडिसिन विभाग, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर ने संयुक्त रूप से संबोधित कियाइस बारे में जानकारी देते हुए Iआईएमए प्रेसिडेंट कानपुर डॉक्टर नंदिनी रस्तोगी ने बताया की अस्थमा के बारे में जनसामान्य को जागरूक करना और उसके प्रभावी नियंत्रण के लिए शिक्षा और सहयोग को बढ़ावा देना है।इस वर्ष अस्थमा दिवस 2025 थीम:"सभी के लिए इनहेलर उपचार सुलभ बनाएं"। वाइस प्रेसिडेंट डॉक्टर कुणाल सहाय ने जानकारी दी की अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जो बच्चे से लेकर बड़े तक को परेशान करती है और विगत दिनों में टेक्नोलॉजी और साइंस के मिश्रण से इसके इलाज में काफी नवीनतम दवाइयां उपलब्धि हैं जो की इस्तेमाल करने में बेहद आसान है बच्चों और बड़े सभी के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के चेस्ट डिपार्टमेंट के पूर्व विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर सुधीर चौधरी ने बताया कि विगत वर्षों के मुकाबले सांस की बीमारियां प्रदूषण एवं सिगरेट तंबाकू के इस्तेमाल की वजह से बढ़ती जा रही है और इसकी रोकथाम और उपचार में दवाइयां के साथ सिगरेट तंबाकू का कंट्रोल भी बहुत आवश्यक है । इस अवसर पर जीएसवीएम के मुरारीलाल अस्पताल के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष डॉ. अवधेश कुमार ने बताया कि अस्थमा एक गंभीर लेकिन नियंत्रित करने योग्य बीमारी है।
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